कोविड वैक्सीन और हार्ट अटैक के बीच कोई संबंध नहीं: अफवाहों पर पर स्वास्थ्य मंत्रालय का जवाब

Authored By: News Corridors Desk | 02 Jul 2025, 03:57 PM
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हाल के दिनों में देश के कई हिस्सों से हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट की वजह से अचानक मौतों की खबरें सामने आई हैं । युवाओं के साथ भी इस तरह की घटनाओं की खबरें आ रही है । सोशल मीडिया और कुछ राजनीतिक बयानों में भी इन घटनाओं को कोविड-19 वैक्सीनेशन से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। परन्तु इस पर अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थिति साफ करते हुए कहा है कि इन दावों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है और ये भ्रामक हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बयान जारी कर बताया कि देश में कई एजेंसियों ने अचानक हुई मौतों की जांच की है। इन जांचों से यह स्पष्ट हुआ है कि कोविड-19 के टीकों और युवाओं की अचानक मौत के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है ।

स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि बिना किसी ठोस वैज्ञानिक प्रमाण के इस तरह के दावे करने से वैक्सीन पर से लोगों का भरोसा कम हो सकता है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है ।

वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी : वैज्ञानिक अध्ययनों में पुष्टि 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के अध्ययन का हवाला देते हुए बताया कि कोविड-19 के टीके पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी हैं । इन अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि वैक्सीनेशन के बाद गंभीर दुष्प्रभाव के मामले बेहद कम हैं, और कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जो यह साबित करे कि वैक्सीन से अचानक मौत का खतरा बढ़ता है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी बताया कि अचानक मौत के कई अन्य कारण हो सकते हैं । इनमें आनुवंशिक समस्याएं, अस्वास्थ्यकर जीवनशैली, पहले से मौजूद बीमारियां, और कोविड संक्रमण के बाद की जटिलताएं शामिल हैं ।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री के बयान से गरमाया मुद्दा 

हाल ही में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कोविड वैक्सीन को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने हाल ही में कहा कि वैक्सीनेशन को जल्दबाजी में लागू किया गया और इसका संबंध अचानक हुई कुछ मौतों से हो सकता है।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने दावा किया कि कर्नाटक के हासन जिले में पिछले 40 दिनों के भीतर हार्ट अटैक से कम से कम 22 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से पांच लोगों की उम्र 19 से 25 साल के बीच थी । उन्होंने कहा कि इनमें कई मौतें बिना किसी पूर्व लक्षण के अचानक हुईं । कुछ लोग घर में और कुछ सार्वजनिक जगहों पर अचानक गिर पड़े।

सिद्धारमैया के बयान के बाद यह मुद्दा काफी चर्चा में आ गया । इसको लेकर सोशल मीडिया पर जोरदार बहस शुरू हो गई । 


सरकार ने इन मौतों के कारणों का पता लगाने और समाधान खोजने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की है, जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. रवींद्रनाथ कर रहे हैं। इस समिति को 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं ।

अफवाहों से सतर्क रहने की अपील 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने नागरिकों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया या गैर-प्रामाणिक स्रोतों से मिलने वाली अफवाहों पर ध्यान न दें। मंत्रालय ने जोर देकर कहा है कि भारत में दिए गए सभी कोविड-19 टीकों को वैज्ञानिक परीक्षणों और कठोर मानकों के आधार पर मंजूरी दी गई थी। ये टीके न केवल संक्रमण से बचाते हैं, बल्कि गंभीर बीमारी और मौत की संभावना को भी कम करते हैं। इसलिए कोविड वैक्सीनेशन को लेकर लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।