उत्तर प्रदेश में नशे का अभिशाप, योगी का मुक्ति अभियान

Authored By: News Corridors Desk | 30 May 2025, 06:06 PM
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मद्यं मति-विनाशकं, देहं च क्षयति क्षणात्।
नरः पतति पापे च, यमलोकं च गच्छति॥

यह श्लोक श्रीमद्भागवत पुराण से लिया गया है, जिसका अर्थ है-

शराब बुद्धि का नाश करती है और ग्रहण करने के साथ ही शरीर को तुरंत क्षति पहुँचाती है । यह मनुष्य को पाप कर्मों की ओर ले जाती है और उसे यमलोक यानि नरक की ओर धकेलती है ।कहने का तात्पर्य यह है कि नशा व्यक्ति को सात्त्विकता से दूर ले जाकर तामसिक प्रवृत्तियों की ओर ले जाता है। इससे न सिर्फ व्यक्ति का नैतिक और आध्यात्मिक पतन होता है बल्कि इससे सामाजिक समस्यायें भी पैदा होती हैं। 

सिर्फ भागवत पुराण ही नहीं बल्कि हमारे अन्य धर्मग्रंथों और संस्कृत साहित्य में शराब और नशे के सेवन से होने वाले दुष्परिणामों का वर्णन किया गया है और इससे दूर रहने को कहा गया है।
मनुस्मृति में भी मद्यपान को पापों में गिना गया है, क्योंकि यह व्यक्ति के विवेक और नैतिकता का नाश करता है। वहीं चरक संहिता में नशे के शारीरिक और मानसिक दुष्प्रभावों को दर्शाया गया है। कुल मिलाकर हमारे प्राचीन ग्रंथों में नशे को एक ऐसी बुराई के रूप में देखा गया है, जो व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को तो नष्ट करती ही है, कई बार यह समाज के पतन का कारण भी बनती है। 

लगातार बढ़ता नशे का चलन चिंता का बड़ा कारण 

नशा एक ऐसा शब्द है जो आज की युवा पीढ़ी से लेकर बुजुर्गों तक को किसी को किसी न किसी रूप में प्रभावित कर रहा है । नशे के दुष्प्रभावों से सभी परिचित हैं , परन्तु चिंता की बात यह है कि तमाम जानकारियों के बावजूद नशा का सेवन और इसका कारोबार लगातार बढ़ रहा है। यह केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि परिवार,समाज से होते हुए राष्ट्र और विश्व की समस्या बन चुकी है । विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल लगभग 59 लाख लोग तंबाकू के उपयोग से होने वाली बीमारियों के कारण मरते हैं । वहीं शराब की वजह से हर साल 33 लाख मौतें होती हैं। 

भारत में भी बड़े पैमाने पर हो रहा नशीली पदार्थों का सेवन 

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भारत की बात करें तो नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर (NDDTC) के एक सर्वे के अनुसार, यहां लगभग 14.6 प्रतिशत लोग किसी न किसी रूप में नशे की लत के शिकार हैं।
संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ एवं अपराध कार्यालय (UNODC) की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने 2019 में वैश्विक स्तर पर 7% अफीम और 2% हेरोइन जब्त की थी, जो नशे की तस्करी की गंभीरता को दर्शाता है।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार नशे की लत के कारण 2021 में 10,000 से अधिक लोगों ने आत्महत्या की । 
नेशनल ड्रग डिपेंडेंट ट्रीटमेंट सेंटर (NDDTC) का आकलन है कि भारत की 10 से 75 वर्ष की आयु की आबादी में से 20% लोग किसी न किसी रूप में नशे के आदी हैं।

उत्तर प्रदेश में नशे के कारोबार पर नकेल

उत्तर प्रदेश भी देश के उन राज्यों में शामिल है, नशीले पदार्थों का सेवन सरकार के लिए एक चुनौती बना हुआ है।  सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित "मैग्निट्यूड ऑफ सब्सटांस यूज इन इंडिया" सर्वेक्षण (2019, NDDTC, AIIMS) और नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS-5, 2019-2021) के आधार पर उत्तर प्रदेश में विभिन्न नशीले पदार्थों का उपयोग करने वालों की अमुमानित संख्या लगभग 5 से 6 करोड़ है । यह राज्य की कुल जनसंख्या का 25 से 30% है ।

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इनमें शराब का सेवन करने वालों की संख्या 2.5 से 3 करोड़,  तंबाकू का सेवन करने वाले 3.5 से 4 करोड़, कैनबिस (भांग, गांजा, चरस) लेने वाले 2.2 करोड़ और ओपिओइड्स (हेरोइन, अफीम) लेने वालो की संख्या क़रीब 40 लाख है । इनके अलावा 19.6 लाख लोग सेडेटिव्स का इस्तेमाल करते हैं । 2017-18 के डेटा के मुताबिक इंजेक्शन से नशा लेने वालों की संख्या करीब 1.2 लाख थी, लेकिन 8-9 सालों में ये तादाद कहीं ज़्यादा बढ़ गई है। 

कुछ लोग एक से अधिक पदार्थों का उपयोग करते हैं, इसलिए अनुमानित आंकड़ों में थोड़ा बदलाव संभव है । नशा करने वालों में कम उम्र के बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं । इनमें महिलाओं का अनुपात पुरुषों की तुलना में काफी कम है । 

नशा मुक्ति के लिए योगी सरकार ने उठाए हैं महत्वपूर्ण कदम 

भारत सरकार ने 15 अगस्त 2020 को नशा मुक्त भारत के लिए अभियान की शुरुआत की । उत्तर प्रदेश में यह 33 संवेदनशील जिलों में शुरू हुआ और अब सभी 75 जिलों में इसका विस्तार हो चुका है । केंद्र के साथ मिलकर योगी आदित्यनाथ की सरकार उत्तर प्रदेश में नशे के खिलाफ बड़ा अभियान चला रही है। योगी सरकार ने राज्य में नशामुक्ति के लिए एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स, नशा मुक्ति केंद्रों और जागरूकता अभियानों के माध्यम से इस दिशा में व्यापक प्रयास किए हैं। हालांकि इस दिशा में अभी और काम किये जाने की जरूरत है जिनमें नशा मुक्ति केंद्रों में काउंसलर और बुनियादी ढाँचे की कमी को दूर करना शामिल है।

2022 में योगी सरकार ने नशीली दवाओं की तस्करी और नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) की स्थापना की। यह टास्क फोर्स नशे के सौदागरों पर नकेल कसने और अवैध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए बनाई गई है।

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इससे पहले 2021 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ और गोरखपुर में 30-बेड वाले नशामुक्ति केंद्र स्थापित करने का फैसला किया।  ये केंद्र नेशनल एक्शन प्लान फॉर ड्रग डिमांड रिडक्शन (NAPDDR) के तहत हैं, जहाँ मुफ्त उपचार, परामर्श, और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

अन्य जिलों में सरकारी अस्पतालों में 10-बेड वाले एडिक्शन ट्रीटमेंट फैसिलिटी सेंटर्स (ATFs) स्थापित किए जा रहे हैं।उत्तर प्रदेश में 23 नशामुक्ति केंद्र गैर-सरकारी संगठनों द्वारा संचालित हैं, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाता है। इन केंद्रों में उपचार, परामर्श, और पुनर्वास की सुविधाएँ उपलब्ध हैं । 

जागरूकता अभियान और कम्युनिटी आधारित प्रोग्राम

नशे के खिलाफ लड़ाई में उत्तर प्रदेश सरकार जागरूकता पर काफी जोर दे रही है । स्कूलों, कॉलेजों, और समुदायों में निबंध लेखन, पेंटिंग, और रैलियों के माध्यम से नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी जा रही है । एनसीसी, एनएसएस, रेड क्रॉस, और स्थानीय पंचायती राज निकायों के साथ मिलकर युवाओं को खेल और सामाजिक गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है ताकि वे नशे से दूर रहें।

कम्युनिटी बेस्ड पीयर लेड इंटरवेंशन (CPLI) और आउटरीच एंड ड्रॉप-इन सेंटर्स (ODICs) के माध्यम से किशोरों और युवाओं को नशे से बचाने की मुहिम चलाई जा रही है । साथ ही टोल-फ्री राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 14,446 के माध्यम से परामर्श और सहायता उपलब्ध कराई जा रही है । इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार नशा के नेटवर्क को खत्म करने के लिए उसके कारोबारियों पर लगातार कार्रवाई कर रही है । 

नशा चाहे शराब, तंबाकू, ड्रग्स या किसी अन्य रूप में हो, न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि परिवार, समाज और स्टेट की प्रगति को भी बाधित करता है । इसलिए सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए भी नशामुक्ति जरूरी है । यही वजह है कि केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार इसे काफी गंभीरता से ले रही है । सरकार की योजनाओं के साथ जन भागीदारी जितनी अधिक होगा , नशा के खिलाफ अभियान भी उतना ही सफल होगा ।