कहानी उन दो दिनों की, जिसमें खड़ा हुआ नेपाल मे  Gen-Z विद्रोह| आखिकार क्यों देना पड़ा PM को इस्तीफा!

Authored By: News Corridors Desk | 09 Sep 2025, 08:08 PM
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सोचिए अगर एक दिन अचानक Instagram, Twitter, YouTube और सारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बंद हो जाएं, तो आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी? क्या लोग सड़कों पर उतरकर विरोध करेंगे? सरकार से लड़ेंगे या फिर सोशल मीडिया को फिर से खोलने की मांग करेंगे? ऐसा ही कुछ नेपाल में 5 से 7 सितम्बर के बीच देखने को मिला, जिसमे genZ लोगो के द्वारा क्रांति हुई और ये क्रांति इतनी बढ़ गयी कि इसने   एक विकराल रूप ले लिया। ,सोशल मीडिया बंद होने से लोग भड़के और विभिन्न तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आईं। क्या थी वो प्रतिक्रिया आखिर नेपाल में 5 से 7 के बीच कौन कौन सी चीज़े देखने को मिली आइये जानते हैं इस  पूरी विडिओ मे!

इस विरोध की शुरुआत 25 अगस्त को हुई थी, जब नेपाल सरकार ने विदेशी सोशल मीडिया कंपनियों को आदेश दिया कि वे सात दिन के अंदर अपने प्लेटफॉर्म्स को देश में पंजीकृत कराएँ। इसका मकसद था कि प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट मॉनिटरिंग हो और देश के नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा सके। लेकिन ज्यादातर कंपनियां इस पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पाईं।

इसके बाद, 4 सितंबर 2025 को नेपाल सरकार ने फेसबुक, X, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप समेत 26 बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगा दिया और इंटरनेट की गति भी बहुत धीमी कर दी। इस बैन के बाद नेपाल में जनता, खासकर Gen-Z और युवा वर्ग, में काफी नाराजगी देखने को मिली।

#NepoKid और #NepoChild का भड़का गुस्सा।

नेपाल में सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जताने के लिए युवाओं ने सोशल मीडिया का सहारा लिया और नेताओं की आलीशान जिंदगी पर सवाल उठाना शुरू किया। खबरों के अनुसार, 5 और 6 सितंबर को #NepoKid और #NepoChild जैसे हैशटैग तेजी से वायरल होने लगे। लोग नेताओं के बच्चों की महंगी कारें, ब्रांडेड कपड़े और विदेशी छुट्टियों की तस्वीरें और वीडियो शेयर करके भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज़ उठा रहे थे। सोशल मीडिया पर कई पोस्ट और कमेंट्स में इस बात पर ध्यान दिलाया जा रहा था कि नेताओं के बच्चे कैसे आरामदायक और लग्जरी लाइफ जी रहे हैं, जबकि आम जनता परेशानियों का सामना कर रही है।

विरोध इतना बढ़ा कि 7 सितंबर को युवा सोशल मीडिया एक्टिविस्ट्स, इन्फ्लुएंसर्स और कुछ विपक्षी नेताओं ने #NoMoreCorruption और #WakeUpChallenge हैशटैग के जरिए 8 सितंबर को बानेश्वर में संसद के पास प्रदर्शन करने की अपील की। 

नेपाल के प्रधानमंत्री को देना पड़ा इस्तीफा।

प्रदर्शन काफी बड़ा और गंभीर हो गया, जिसमें 14 लोगों की जान चली गईऔर 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए। जिसके चलते 9 सितंबर 2025 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा लिया। प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा.. ओली ने अपने पद से मंगलवार (9 सितंबर) को इस्तीफा दे दिया है, ओली को आर्मी चीफ जनरल अशोक राज सिगडेल ने कुर्सी छोड़ने की सलाह दी थी. उन्होंने कहा था कि इस्तीफे के बाद ही हालात सुधरने की उम्मीद है। और जिसके चलते समय न गवाते हुए, देश के बिगड़े हालात के बीच राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे को स्वीकार भी कर लिया है. ओली इस वक्त सुरक्षा के लिहाज से नेपाली आर्मी के साथ हैं। 

ये तो वो था जो हुआ लेकिन अचानक सोशल मीडिया को बैन करना क्या चीन की सिखाई रणनीति नहीं हो सकती, क्या अमेरिका को बैकफ़ुट पर धकेलने के लिए नेपाल का इस्तेमाल किया गया, क्या ओली शर्मा ने चीन के दबाव में आकर सोशल मीडिया के ज़रिए पैसा कमा रहे जेनजी को रास्ते पर ला दिया। शायद ये भी नरक कारण हो सकता है जिस वजह से नेपो किड जैसे हैशटैग ट्रेड हुए और गुस्सा इतना विकराल हो गया कि अब ये कैसे संभलेगा किसी को नहीं पता. सबसे ज्यादा चिंता का विषय ये है, कि बांग्लादेश के बाद नेपाल में इस तरह की बगावत भारत के लिए परेशानियां खड़ी कर सकती है। आपको क्या लगता है, अपनी राय हमें कमेंट करके ज़रूर भेजिए।