अंतरिक्ष से शुभांशु शुक्ला का पहला संदेश, 'सभी को नमस्कार'

Authored By: News Corridors Desk | 26 Jun 2025, 02:09 PM
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भारतीय वायुसेना के 39 वर्षीय पायलट और अब अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरी। यह मिशन फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट द्वारा लॉन्च किया गया।

उड़ान के कुछ घंटों बाद पहला अंतरिक्ष संदेश

उड़ान भरने के कुछ ही घंटों बाद शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष से अपना पहला संदेश भेजा। उन्होंने कहा:

"सभी को अंतरिक्ष से नमस्कार। मैं अपने साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ यहां आकर रोमांचित हूं। वाह, यह कैसी यात्रा थी। जब मैं लॉन्चपैड पर कैप्सूल में बैठा था, तो मेरे दिमाग में एक ही विचार था कि चलो बस चलते हैं।"

उन्होंने आगे कहा कि जैसे ही यात्रा शुरू हुई, वह सीट पर पीछे की ओर धकेले जा रहे थे। और फिर अचानक, सब कुछ शांत हो गया—जैसे वे शून्य में तैर रहे हों।

"बच्चे की तरह सीख रहा हूं"

अपने पहले अंतरिक्ष अनुभव साझा करते हुए शुभांशु ने बताया कि अंतरिक्ष में चलना और खाना एक बिल्कुल नया अनुभव है। वह खुद को "एक बच्चे की तरह" महसूस कर रहे हैं, जो धीरे-धीरे सीख रहा है कि शून्य गुरुत्वाकर्षण में कैसे रहना है। Axiom-4 मिशन पर शुभांशु शुक्ला के साथ तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री हैं:

कमांडर पैगी व्हिटसन – NASA की पूर्व अंतरिक्ष यात्री और तीन मिशनों की अनुभवी।

टिबोर कापू – हंगरी के मिशन विशेषज्ञ।

स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की – पोलैंड से मिशन विशेषज्ञ।

यह टीम अब अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर एक वैज्ञानिक और तकनीकी मिशन को अंजाम दे रही है।

पूरे विश्व में मनाया गया जश्न

भारत, हंगरी, पोलैंड और अमेरिका में लाखों लोगों ने इस लॉन्च को लाइव देखा। शुभांशु शुक्ला के परिवार और शुभचिंतकों ने लखनऊ, बुडापेस्ट, डांस्क और ह्यूस्टन में इसे सार्वजनिक स्क्रीनिंग के जरिए देखा।

जैसे ही फाल्कन 9 ने ऐतिहासिक LC-39A लॉन्चपैड से उड़ान भरी, दर्शकों में खुशी की लहर दौड़ गई।यह वही लॉन्चपैड है जहां से जुलाई 1969 में अपोलो 11 मिशन ने चंद्रमा के लिए उड़ान भरी थी। यही कारण है कि यह मिशन और भी ऐतिहासिक बन गया।

शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय नागरिक बन गए हैं। उनसे पहले विंग कमांडर राकेश शर्मा ने अप्रैल 1984 में भारत-सोवियत मिशन के तहत उड़ान भरी थी। 

हालांकि, शुक्ला पहले भारतीय हैं जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक पहुंचे हैं और वो भी निजी कमर्शियल मिशन का हिस्सा बनकर। Axiom-4 मिशन की उड़ान पहले 29 मई 2025 को निर्धारित थी, लेकिन मौसम की खराबी और तकनीकी दिक्कतों के चलते इसे कई बार टालना पड़ा।

अंततः, स्पेसएक्स, NASA और Axiom की टीमों ने मिलकर सभी बाधाओं को पार कर सफलतापूर्वक इस मिशन को लॉन्च किया।