पहलगाम हमला मामले से जुड़ी अर्जी पर सुनवाई से SC का इनकार, जानें क्या कुछ कहा

Authored By: News Corridors Desk | 01 May 2025, 04:39 PM
news-banner
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की न्यायिक जांच की मांग पर दायर जनहित याचिका (PIL) को खारिज करते हुए याचिकाकर्ताओं को फटकार लगाई। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने स्पष्ट कहा कि इस तरह की याचिकाएं राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा की भावना को कमजोर कर सकती हैं। पीठ ने वकीलों को "जिम्मेदार बनने" की नसीहत दी और कहा कि “यह तरीका नहीं है... कृपया ऐसा मत कीजिए।”

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख लहजे में सवाल किया, “कब से एक सेवानिवृत्त हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज ऐसे मुद्दों की जांच करने के लिए विशेषज्ञ बन गए हैं?” कोर्ट ने यह भी कहा कि वर्तमान समय देश के लिए अत्यंत संवेदनशील है, जहां हर नागरिक को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि ऐसी याचिकाएं न दायर की जाएं जो “किसी का मनोबल गिरा सकती हैं।”

याचिकाकर्ता ने क्या मांग की ?

जनहित याचिका अधिवक्ता फतेश कुमार साहू और अन्य द्वारा दायर की गई थी। इसमें 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग के गठन की मांग की गई थी। इसके साथ ही, याचिका में केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

22 अप्रैल को अनंतनाग जिले के पहलगाम के बैसरन क्षेत्र में आतंकवादियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई। मृतकों में अधिकांश पर्यटक दूसरे राज्यों से आए हुए थे। इस बर्बर हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया और भारत-पाकिस्तान संबंधों में फिर से तनाव बढ़ गया।

हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमलावरों को ऐसी सजा दी जाएगी, जिसकी वे कल्पना भी नहीं कर सकते। उन्होंने इस हमले को देश की संप्रभुता और शांति के खिलाफ एक गंभीर चुनौती बताया और आश्वस्त किया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई और मजबूत होगी।