100 साल का RSS, देश नहीं पूरी दुनिया में संगठन मज़बूत करने की रणनीति

Authored By: News Corridors Desk | 30 Sep 2025, 04:33 PM
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राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ विजय दशमी से शताब्दी वर्ष मनाएगा. नागपुर में 2 अक्टूबर को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और मोहन भागवत की उपस्थिति में कार्यक्रम से इसकी शुरुआत होगी. शताब्दी वर्ष में संघ का पूरा फोकस हिन्दुओं को एकजुट करने और भारतीय संस्कृति के प्रति सबको जागरूक करने पर रहेगा. शताब्दी वर्ष में पंच परिवर्तन पर जोर दिया जाएगा।

क्या होगी पूरे साल के कार्यक्रमों की रणनीति

विजय दशमी के दिन संघ की देशभर में मौजूद 83 हजार से अधिक शाखाओं पर शताब्दी वर्ष एक उत्सव की तरह मनाया जाएगा. इस उत्सव में शस्त्र पूजन, पूर्ण गणवेश में पथ संचलन और पंच परिवर्तन के संदेश दिए जाएंगे. दिल्ली में 346 और यूपी के 7500 जगह विजय दशमी के उत्सव होंगे. 2 अक्टूबर 2025 से 2026 की विजयादशमी तक शताब्दी वर्ष मनाएगा. शताब्दी वर्ष में संघ के स्वयंसेवक पंच परिवर्तन को लेकर जनजागरण भी करेंगे. इनमें पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समसरता, स्व आधारित व्यवस्था, कुटुंब प्रबोधन व नागरिक कर्तव्यों जैसे विषय शामिल किए गए हैं।

घर-घर संपर्क पर पूरे शताब्दी वर्ष में रहेगा ज़ोर
नवम्बर से संघ का घर-घर संपर्क

शताब्दी वर्ष के दौरान RSS ने हर घर तक पहुंचने के लिए एक व्यापक कार्यक्रम बनाया है. इसमें नवम्बर से संघ बड़ा गृह संपर्क अभियान शुरू करेगा. इसमें स्वयं सेवकों की टोली घर-घर जायेगी. इसके बाद हिन्दू सम्मेलन, प्रबुद्ध नागरिक गोष्ठी और सामाजिक सद्भाव से जुड़ी बैठकों का आयोजन कर लोगों को संघ से जोड़ने और जागरूक करने की मुहिम चलाई जाएगी।

पीएम मोदी भी संघ शताब्दी वर्ष कार्यक्रम में होंगे शामिल
1 अक्टूबर को दिल्ली में डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में आरएसएस अपने शताब्दी समारोह का आयोजन करेगा. इस कार्यक्रम में आरएसएस और बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस समारोह का हिस्सा बनने वाले है. पीएम बतौर मुख्य अतिथि इस कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रेस रिलीज़ जारी कर इस जानकारी भी दे दी है. पीएम मोदी इस कार्यक्रम में आरएसएस के राष्ट्र निर्माण में योगदान को रेखांकित करने वाला एक विशेष स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करेंगे. साथ ही, वे उपस्थित लोगों को संबोधित भी करेंगे।


संघ के 100 सालों का कारवा निरंतर बढ़ता जा रहा है

1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार  ने नागपुर,महाराष्ट्र में आरएसएस की स्थापना की थी. RSS एक स्वयंसेवी संगठन है, जिसका उद्देश्य नागरिकों में सांस्कृतिक जागरूकता, अनुशासन, सेवा भाव और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देना है. अभी इस संगठन के प्रमुख मोहन भागवत हैं।