राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिस्बन में मिला ‘सिटी की ऑफ ऑनर’, 27 वर्षों बाद ऐतिहासिक यात्रा

Authored By: News Corridors Desk | 08 Apr 2025, 01:46 PM
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में 'सिटी की ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया गया, जो वहां का एक प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान है। 27 वर्षों के अंतराल के बाद किसी भारतीय राष्ट्रपति का यह पहला राजकीय दौरा है।

लिस्बन के मेयर कार्लोस मोएदास ने विशेष समारोह में उनका स्वागत करते हुए कहा, “नमस्कार! राष्ट्रपति महोदया। आपका लिस्बन में स्वागत है।” इस समारोह का आयोजन कैमारा म्युनिसिपल डी लिस्बोआ में किया गया, जहां राष्ट्रपति को सलामी गारद भी दी गई।

राष्ट्रपति मुर्मू को नोबल सैलून में ‘सिटी की ऑफ ऑनर’ सम्मान प्रदान किया गया। इस सम्मान के साथ वह लिस्बन की मानद नागरिक बन गईं। इस अवसर पर सभा कक्ष भारतीय प्रवासियों से भरा हुआ था, जिन्होंने पूरे जोश और गर्व के साथ अपने राष्ट्रपति का स्वागत किया।

भारत-पुर्तगाल संबंधों पर राष्ट्रपति का संदेश

राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने भाषण की शुरुआत पुर्तगाली भाषा में पारंपरिक अभिवादन ‘बोम डिया’ कहकर की और कहा, “भारत और पुर्तगाल के बीच सांस्कृतिक संबंध सदियों पुराने हैं, जो हमारे जीवनशैली और मूल्यों पर गहरी छाप छोड़ते हैं।”

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दोनों देशों की साझा समझ उन्हें स्वाभाविक साझेदार बनाती है। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि पुर्तगाल, यूरोपीय संघ और लुसोफोन देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

राष्ट्रपति ने बताया कि पुर्तगाल में भारतीय कला, योग, आयुर्वेद, भोजन और संस्कृति की लोकप्रियता इस गहरे जुड़ाव की प्रतीक है। उन्होंने भारतीय प्रवासी समुदाय को ‘हमारे संबंधों की आधारशिला’ बताया और उनके सामाजिक व आर्थिक योगदान की सराहना की।

मेयर ने की ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की सराहना

लिस्बन के मेयर कार्लोस मोएदास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस संदेश को दोहराया जो उन्होंने जी-20 शिखर सम्मेलन में उपनिषदों के सिद्धांत ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के माध्यम से दिया था। उन्होंने कहा कि यह विचार सामाजिक विभाजन से ऊपर उठने और वैश्विक एकता को अपनाने की प्रेरणा देता है।

पुर्तगाल में भारतीय समुदाय की संख्या लगभग 1.25 लाख है, जिसमें से 35,000 भारतीय नागरिक और 90,000 भारतीय मूल के लोग हैं। इनमें से अधिकांश लोग गुजरात और गोवा से जुड़े हुए हैं। यह समुदाय दोनों देशों के बीच सामाजिक और आर्थिक पुल का कार्य करता है।

राष्ट्रपति मुर्मू की यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब विश्व में आर्थिक बदलाव हो रहे हैं। अमेरिका द्वारा व्यापार शुल्कों में बदलाव और यूरोप के साथ भारत की साझेदारी का नया चरण इस दौरे को और भी महत्वपूर्ण बनाता है। हाल ही में यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने भारत का दौरा किया था, और भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौता जल्द ही अंतिम रूप लेने की उम्मीद है।