सोशल मीडिया पर वायरल होने की होड़ में लोग क्या-क्या नहीं कर रहे! उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से एक ऐसी घटना सामने आई है, जो शर्मिंदगी और गुस्से का कारण बन गई। एक लड़का, जिसका नाम विकास है, प्रैंक वीडियो बनाने के नाम पर असहाय गरीब लोगों के स्वास्थ्य से खेल रहा है। वह आइसक्रीम के कोन में केमिकल स्प्रे डालकर उन्हें 'फ्री आइसक्रीम' बताकर खिला रहा है। यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, और लोग इसे नीचता बता रहे हैं।
प्रैंक का खतरनाक तरीका
वीडियो में विकास को देखा जा सकता है, जो सड़क किनारे गरीब मजदूरों या भिखारियों को नजदीक जाता है। वह आइसक्रीम का कोन दिखाकर कहता है, "फ्री आइसक्रीम लो भाई!" लेकिन कोन के अंदर आइसक्रीम की जगह केमिकल स्प्रे भरा होता है, जो जहरीला लगता है। लोग बेफिक्र होकर खा लेते हैं, और विकास कैमरा पर हंसता नजर आता है। यह सब 'प्रैंक' के नाम पर हो रहा है, लेकिन असल में यह लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ है। एक वीडियो में तो एक गरीब आदमी खांसने लगा, लेकिन विकास ने बस रिकॉर्डिंग जारी रखी।
यह घटना प्रयागराज की सड़कों पर खुलेआम हो रही है। विकास के वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड होते ही वायरल हो जाते हैं, लेकिन अब लोग सवाल उठा रहे हैं – क्या वायरल होना इतना जरूरी है कि दूसरों की जान जोखिम में डाल दें?
सोशल मीडिया पर गुस्से की बाढ़
वीडियो वायरल होते ही ट्विटर (अब X) पर तूफान आ गया। एक यूजर ने लिखा, "यह प्रैंक नहीं, अपराध है! गरीबों का मजाक उड़ाना बंद करो।" दूसरे ने कहा, "विकास, तेरी वीडियो डिलीट करवा देंगे, पुलिस को सूचना दो।" Ghar Ke Kalesh जैसे अकाउंट ने इसे शेयर करते हुए लिखा, "This Guy named Vikash is endangering the health of helpless poor people by using (chemical spray) under the pretext of making prank videos, Prayagraj UP।" हजारों रीट्वीट्स और कमेंट्स में लोग विकास को ट्रोल कर रहे हैं। कुछ ने कहा कि यह IPC की धाराओं के तहत केस बन सकता है, क्योंकि यह लोगों को नुकसान पहुंचाने वाला है।
वायरल कंटेंट की दीवानगी
आजकल प्रैंक वीडियो बनाने वाले यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर फेमस होने के चक्कर में कुछ भी कर देते हैं। लेकिन यह मामला अलग है, क्योंकि इसमें गरीब और असहाय लोग टारगेट हैं, जो खुद का बचाव भी नहीं कर पाते। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे वीडियो न सिर्फ स्वास्थ्य को खतरा डालते हैं, बल्कि समाज में नफरत भी फैलाते हैं। प्रयागराज पुलिस ने अभी तक कोई बयान नहीं दिया, लेकिन सोशल मीडिया पर शिकायतों का सिलसिला बढ़ रहा है।
यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि सोशल मीडिया की दुनिया में हंसी-मजाक की हद कहां है? विकास जैसे लोग अगर नहीं सुधरे, तो सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। अगर आप भी ऐसे वीडियो देखें, तो रिपोर्ट करें। गरीबों का मजाक उड़ाना कभी 'प्रैंक' नहीं हो सकता – यह क्रूरता है।