पाक अधिकृत कश्मीर में आज़ादी की मांग अब बड़ी बगावत का रूप ले चुकी है। मुजफ्फराबाद, रावलकोट, कोटली, हजीरा, बाघ और मीरपुर जैसे कई शहरों में सरकारी कामकाज पूरी तरह रुक गया है। सरकारी दफ्तर खाली हो गए हैं और पहली बार महिलाएं भी आंदोलन में शामिल हुई हैं। विरोध के बीच सरकार ने आंदोलनकारियों के साथ समझौता किया है।
कई जगह सरकारी इमारतों से पाकिस्तान का झंडा उतारकर 'फ्री कश्मीर' के पोस्टर लगा दिए गए हैं। कई पुलिसकर्मी भी हथियार छोड़कर घर चले गए हैं।
इस्लामाबाद में हालत गंभीर, सेना ने अतिरिक्त जवान भेजने की तैयारी की
इस्लामाबाद में पीओजेके की हालात को गंभीर सुरक्षा संकट माना जा रहा है। सरकार ने सुरक्षा बलों को मजबूत करने के लिए गिलगित बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में अतिरिक्त जवान भेजने का प्रस्ताव दिया है। कई सरकारी दफ्तरों पर पहली बार ताले लग गए हैं। मीडिया में इस मुद्दे को लेकर अलग-अलग राय बनी हुई है, कुछ इसे प्रशासन की असफलता बता रहे हैं तो कुछ इसे विदेशी साजिश कह रहे हैं।
बलूचिस्तान में विद्रोह बढ़ा, पीओजेके आंदोलन से मिला बलूच विद्रोहियों को हौसला
बलूचिस्तान में विद्रोही समूह पाकिस्तान की सेना पर हमले तेज कर रहे हैं। पीओजेके में हो रहे विरोध प्रदर्शन से प्रोत्साहित होकर बलूच विद्रोही कई इलाकों में सेना की चौकियों और पेट्रोलिंग यूनिटों पर हमला कर रहे हैं।
संचार व्यवस्था और बिजली ठप हो चुकी है। कई जगह स्थानीय लोग सुरक्षा बलों को बाहर निकाल चुके हैं। ब्रिटेन की मानवाधिकार संस्था ने चेतावनी दी है कि अगर पाकिस्तान ने पीओजेके में बल प्रयोग किया तो यह बड़े विद्रोह में बदल सकता है।