घाना की संसद में बोले PM मोदी, 'हमारी दोस्ती आपके मशहूर अनानास से भी मीठी'

Authored By: News Corridors Desk | 03 Jul 2025, 06:52 PM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 वर्षों में घाना की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने हैं। बुधवार को घाना पहुंचने पर राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ 21 तोपों की सलामी दी गई।

संसद को संबोधन और सम्मान

घाना की संसद को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने जैसे ही घाना की स्थानीय भाषा में “नमस्ते” कहा, पूरा सदन तालियों की गूंज से भर उठा। अपने भाषण की शुरुआत में पीएम मोदी ने कहा कि घाना में होना उनके लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने इस लोकतांत्रिक देश की सराहना करते हुए कहा, “आज इस प्रतिष्ठित सदन को संबोधित करते हुए मुझे गौरव का अनुभव हो रहा है।”

पीएम मोदी को घाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से भी नवाजा गया। उन्होंने इस सम्मान के लिए 140 करोड़ भारतीयों की ओर से आभार व्यक्त किया।

भारत और घाना की दोस्ती पर जोर

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने भारत और घाना के मजबूत संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है और इसके लिए लोकतंत्र केवल एक व्यवस्था नहीं, बल्कि संस्कार है। भारत में 2,500 से अधिक राजनीतिक दल हैं और विभिन्न राज्यों में अलग-अलग पार्टियां सत्ता में हैं।  उन्होनें कहा कि  22 आधिकारिक भाषाएं और हज़ारों बोलियां… विविधता में एकता हमारी ताकत है। हर मेहमान का खुले दिल से स्वागत किया जाता है।”

पीएम ने कहा कि घाना में बसे भारतीय उसी तरह से समाज में घुले-मिले हैं जैसे चाय में शक्कर। उन्होंने घाना की समावेशी प्रगति और उसके साहसिक नेतृत्व की भी सराहना की।

वैश्विक मुद्दों पर भारत का दृष्टिकोण

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक मुद्दों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग जरूरी है।

पीएम मोदी ने भारत के चंद्रयान मिशन और अंतरिक्ष यात्रियों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत वैश्विक विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने “सर्वे भवन्तु सुखिनः” का उल्लेख करते हुए भारत की समावेशी सोच को रेखांकित किया।

डॉ. क्वामे नक्रूमा को श्रद्धांजलि

पीएम मोदी ने घाना के पहले राष्ट्रपति डॉ. क्वामे नक्रूमा को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनके विचार आज भी भारत-अफ्रीका संबंधों को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। उन्होंने डॉ. नक्रूमा के उस कथन को दोहराया—“जो ताकतें हमें एकजुट करती हैं, वे कहीं अधिक मजबूत हैं उन प्रभावों से जो हमें विभाजित करती हैं।”

पीएम मोदी ने भारत में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को रेखांकित करते हुए कहा कि आज भारतीय महिलाएं विज्ञान, अंतरिक्ष, विमानन और खेल जैसे क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने भारत को दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बताया और इसे नवाचार और तकनीक का केंद्र बताया।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बनी वैश्विक व्यवस्था तेजी से बदल रही है। प्रौद्योगिकी में क्रांति, जनसंख्या में बदलाव और ग्लोबल साउथ का उदय इस परिवर्तन को गति दे रहे हैं। उन्होंने प्रभावी वैश्विक सुधारों की आवश्यकता पर बल दिया।