'एक देश एक चुनाव' मिशन को साकार करने में जुटे बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल ने शुक्रवार को देहरादून में प्रबुद्धजनों को संबोधित किया । 'एक राष्ट्र एक चुनाव' के समर्थन में स्वर्णिम देवभूमि फाउंडेशन की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया था ।
देहरादून कैंट रोड स्थित सर्वे ऑडिटोरियम में आयोजित विचार गोष्ठी में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय, पर्यावरणविद् पद्मश्री डॉ. अनिल प्रकाश जोशी एवं प्रसिद्ध जागर गायिका पद्मश्री श्रीमती बसंती बिष्ट भी उपस्थित रहे ।
इनके अलावा शिक्षाविद,कानूनविद,समाजसेवी समेत बड़ी संख्या में बुद्धिजीवियों ने भी कार्यक्रम में शिरकत की । मुख्य वक्ता सुनील बंसल ने विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए 'एक देश एक चुनाव' के महत्व और इससे होने वाले फायदे पर प्रकाश डाला ।
'एक देश एक चुनाव' : अर्व्यथवस्था के लिए संजीवनी
बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री ने कहा कि 'एक देश एक चुनाव' देश की अर्व्यथवस्था के लिए संजीवनी का काम करेगा । उन्होने बताया कि कैसे बार-बार चुनाव होना देश के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है । सुनील बंसल ने कहा कि पिछले 30 वर्षों के दौरान एक भी साल ऐसा नहीं गुजरा है जब देश में कही न कहीं चुनाव न हुआ हो ।
इस बारे में जानकारी देते हुए सुनील बंसल ने बताया कि एक ही समय पर सभी चुनाव होने से करीब 4.5 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी, जो कि देश की GDP के 1.5 प्रतिशत के बराबर है। ऐसे में स्पष्ट है कि एक राष्ट्र एक चुनाव से होने वाली बचत से देश में विकास के नए अध्याय लिखे जा सकते हैं।
'एक राष्ट्र एक चुनाव ' से विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने में मदद
सुनील बंसल ने कहा कि 'एक राष्ट्र एक चुनाव ' से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी । उन्होने कहा कि बार-बार चुनाव होने से सिर्फ आर्थिक बोझ नहीं पड़ता है बल्कि विकास की गति भी प्रभावित होती है ।
बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री ने कहा कि सरकार और सरकारी सिस्टम की चुनावी प्रक्रियाओं में संलिप्तता से विकास के कार्यों में बाधा पहुंचती है । इसके अलावा टिकाऊ सरकार होने पर जनता के हित में फैसला लेने और उसे क्रियान्वित करने में भी सहुलियत होती है ।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'एक राष्ट्र एक चुनाव ' के विजन को जन-जन तक पहुंचाने और इसके फायदे से लोगों को अवगत करा कर आम सहमति बनाने की दिशा में सुनील बंसल लगातार प्रयासरत हैं । देश के अलग-अलग हिस्सों में वह समाज के विभिन्न समूहों के साथ इसको लेकर लगातार संवाद कर रहे हैं । सुनील बंसल उस हाईपावर कमेटी का हिस्सा हैं, जो 'वन नेशन वन इलेक्शन' पर पब्लिक को जागरूक करने के लिए बनाई गई है।
कुशल संगठनकर्ता ओर दूरदर्शी नेता
बीजेपी में सुनील बंसल को एक कुशल रणनीतिकार और संगठनकर्ता के रुप में जाना जाता है । 2014 में उत्तर प्रदेश में पार्टी का सह प्रभारी बनाए जाने के बाद से वो लगातार बीजेपी के लिए चाणक्य की भूमिका निभाते नजर आए हैं । अमित शाह के साथ मिलकर 2014 से जीत का जो सिलसिला उन्होंने पार्टी के लिए शुरु किया वो उत्तर प्रदेश में 2017, 2019 और 2022 के विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भी दिखा ।
यूपी के बाद उन्होंने अपने संगठन कौशल का दम ओडिसा, तेलंगना और दिल्ली में भी दिखाया । अब मिशन पश्चिम बंगाल में भी जुटे हैं । अपनी रणनीति बनाने के लिए सुनील बंसल खुद काफी मेहनत करते हैं । वो न सिर्फ पार्टी के कार्यकर्ताओं में उत्साह भरते हैं बल्कि जिलाध्यक्षों और अन्य पदाधिकारियों से सीधा संवाद करते हैं ।
वह बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से लेकर पार्टी के उन नेताओं तक से फीड बैक लेते हैं जो पहले चुनाव हार चुके हैं या किसी कारण से राजनैतिक सक्रियता कम कर दी है ।