बैंकॉक पहुंचने पर पीएम मोदी का भव्य स्वागत, शुक्रवार को बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में होंगे शामिल

Authored By: News Corridors Desk | 03 Apr 2025, 09:41 PM
news-banner
थाईलैंड में शुक्रवार को होने वाले बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैंकॉक पहुंच गए हैं । गुरुवार को वहां पहुंचने पर गवर्नमेंट हाउस में पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया गया । इसके बाद थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा के साथ उन्होने द्विपक्षीय वार्ता भी की । 
 
38 वर्षीय पैतोंगटार्न शिनावात्रा थाइलैंड की दूसरी महिला प्रधानमंत्री हैं । वह देश के प्रभावशाली शिनावात्रा वंश से ताल्लुक रखती हैं और पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा की पुत्री हैं । 

बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ाने के उपायों और बंगाल की खाड़ी में उभरती चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी । विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी बैंकॉक में मौजूद हैं और उन्होंने बिम्सटेक की 20वीं मंत्रिस्तरीय बैठक में हिस्सा लिया। 


कई राष्ट्र प्रमुखों से भी होगी पीएम मोदी की मुलाकात 

e4Q7TJR.jpeg

शिखर सम्मेलन में भाग लेने के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुछ सदस्य देशों के राष्ट्र प्रमुखों से अलग से भी मुलाकात का कार्यक्रम है । हालांकि अभी इस बार में आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, परन्तु मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जिन नेताओं से प्रधानमंत्री की अलग से बातचीत होगी उनमें नेपाल के प्रधानमंत्री के पी ओली और म्यांमार में सेना प्रमुख वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग शामिल हैं ।

 इनके अलावा बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के साथ भी  द्विपक्षीय बैठक होने की बात कही जा रही है । यदि ऐसा होता है तो पीएम मोदी के साथ मोहम्मद यूनुस की यह पहली मुलाकात होगी । 

तीनों ही नेता माने जाते हैं चीन समर्थक  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की के पी ओली , जनरल मिन आंग ह्लाइंग और मोहम्मद यूनुस के साथ द्विपक्षीय बातचीत होने की संभावना जताई जा रही है । गौर करने की बात यह है कि इन तीनों ही नेताओं का रूख भारत विरोधी और चीन समर्थक रहा है । 

पिछले साल अगस्त में प्रधानमंत्री शेख हसीना की तख्तापलट के बाद मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार की कमान संभाली थी । इसके बाद से दोनों देशों के संबंध काफी खराब हुए हैं । इस दौरान बांग्लादेश के हालात भी काफी खराब हुए हैं । हाल ही में यूनुस ने अपने चीन दौरे के दौरान भारत को लेकर काफी विवादित बयान भी दिया था ।
 
दरअसल राजनैतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहे बांग्लादेश को आर्थिक मोर्चे पर भी काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है । अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद अलग-थलग पड़े मोहम्मद यूनुस ने चीन से मदद पाने की काफी कोशिशें की हैं , लेकिन इसमें अबतक सफलता नहीं मिल पाई है । ऐसे में  माना जा रहा है कि पीएम मोदी से मुलाकात कर मोहम्मद यूनुस भारत से मदद का अनुरोध कर सकते हैं । 

नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली को भी चीन समर्थक और भारत विरोधी माना जाता है । उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद से भारत और नेपाल के बीच रिश्ते तल्ख ही हुए हैं । अबतक उन्होने भारत का दौरा नहीं किया है परन्तु चीन के राष्ट्रपति राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलकर आ चुके हैं । इससे पहले नेपाल का प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद सबसे पहले भारत का दौरा करता था । इन दिनों नेपाल में राजशाही के समर्थन में हो रहे प्रदर्शनों की वजह से ओली काफी दबाव में हैं ।  

2021 में तख्तापलट के बाद म्यांमार में सैन्य शासन हैं जो पूरी तरह से चीन के प्रभाव में हैं । फिलहाल यह देश गृहयुद्ध से जूझ रहा है और इसकी वजह से भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में सुरक्षा को लेकर समस्या आने का अंदेशा है । 

भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है बिम्सटेक ? 

vIJ6yhB.jpeg

“बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल,” को बिम्सटेक (BIMSTEC) के नाम से जाना जाता है । यह एक क्षेत्रीय सहयोग संगठन है जिसके गठन में भारत की अहम भूमिका रही है । इसमें बंगाल की खाड़ी से सटे सात देश शामिल हैं ।  ये देश हैं भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल ,श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड । 

बिम्सटेक का मकसद सदस्य देशों के बीच आर्थिक सहयोग, तकनीकी विकास और कूटनीतिक संबंधों को बढ़ावा देना है । भारत के लिए यह संगठन रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह न सिर्फ चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने में मदद करता है , बल्कि सार्क संगठन के निष्क्रिय होने के बाद पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत बनाने के लिए प्रभावशाली मंच भी मुहैया कराता है ।