जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले, जिसमें कम से कम 28 लोगों की जान गई, के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत सरकार ने इस हमले को गंभीरता से लेते हुए कई कड़े फैसले लिए हैं, जिनका असर दोनों देशों के कूटनीतिक और सामरिक संबंधों पर साफ देखा जा सकता है।
पाकिस्तान का मिसाइल परीक्षण का ऐलान
भारत के सख्त कदमों के जवाब में पाकिस्तान ने सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण करने की घोषणा कर दी है। समाचार एजेंसी ANI ने रक्षा सूत्रों के हवाले से बताया कि पाकिस्तान ने 24-25 अप्रैल को अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) के भीतर कराची तट के पास इस मिसाइल परीक्षण के लिए अधिसूचना जारी की है।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इस पूरे घटनाक्रम पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं।
इसके अलावा पाकिस्तान ने भारत के स्वामित्व वाली या उसके द्वारा संचालित सभी एयरलाइंस के लिए अपने हवाई क्षेत्र को तत्काल बंद करने की घोषणा की है, साथ ही वाघा सीमा को भी तत्काल बंद करने की घोषणा की है।
हालांकि, घोषणा के अनुसार, जो लोग वैध दस्तावेजों के साथ सीमा पार कर भारत में आए हैं, वे 30 अप्रैल तक इस मार्ग से वापस आ सकते हैं।
भारत का बड़ा फैसला
पहलगाम हमले के तुरंत बाद भारत ने 1960 में हुए सिंधु जल समझौते को निलंबित करने का ऐलान किया। यह समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच जल वितरण को लेकर हुआ था, जिसे दशकों से शांतिपूर्ण सहमति का प्रतीक माना जाता था। लेकिन अब भारत ने इसे खत्म कर पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि आतंक का जवाब सख्ती से दिया जाएगा।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के इन कदमों को "गैरजिम्मेदाराना" बताया है। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्रीय शांति को खतरा हो सकता है, लेकिन भारत की ओर से साफ कर दिया गया है कि अब आतंक को लेकर "जीरो टॉलरेंस" की नीति अपनाई जाएगी।
CCS की बैठक में कई अहम फैसले
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक बुधवार शाम नई दिल्ली में हुई। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:
अटारी बॉर्डर पर स्थित जांच चौकी (ICCP) को तत्काल प्रभाव से बंद किया गया।
सार्क वीज़ा छूट योजना (SVES) के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत की यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी।
पहले से जारी SVES वीज़ा रद्द माने जाएंगे।