'अब अगले सीजेआई करेंगे वक्फ मामले पर याचिकाओं की सुनवाई', जानें CJI खन्ना ने क्या कहा?

Authored By: News Corridors Desk | 05 May 2025, 04:57 PM
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वक्फ संशोधन कानून की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज टाल दी गई। इसकी प्रमुख वजह थी कि मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना 13 मई को रिटायर हो रहे हैं, और उन्होंने स्पष्ट किया कि वे इस महत्वपूर्ण मामले में कोई अंतरिम या अंतिम फैसला सुरक्षित रखकर नहीं जाना चाहते।

सुनवाई के दौरान क्या हुआ?

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अगुवाई वाली पीठ, जिसमें जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन भी शामिल थे, ने कहा:

“हमने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी हैं। कुछ तकनीकी और पंजीकरण से जुड़े बिंदु हैं जिन पर याचिकाकर्ताओं को आपत्ति है। इन मुद्दों पर स्पष्टता जरूरी है। चूंकि मैं रिटायर हो रहा हूं, मैं अंतरिम आदेश भी सुरक्षित नहीं रखना चाहता।”

इस टिप्पणी के साथ अदालत ने सुनवाई अगले सप्ताह के लिए टाल दी।

अब नए CJI बीआर गवई की अगुवाई में होगी सुनवाई

अब यह मामला देश के अगले मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई के सामने पेश किया जाएगा, जो 14 मई को शपथ लेंगे। इसके बाद 15 मई को इस केस की विस्तृत सुनवाई की संभावना है। बीआर गवई की पीठ ही इस मुद्दे पर कोई अंतरिम या अंतिम आदेश पारित कर सकती है।

कानून को लेकर दर्जनों याचिकाएं दाखिल

वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दर्जनों याचिकाएं दायर की गई हैं। यह कानून 3 अप्रैल को लोकसभा और 4 अप्रैल को राज्यसभा से पारित हुआ था। इसके बाद 5 अप्रैल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने पर यह लागू माना जा रहा है।

याचिकाओं में इस संशोधन को मौलिक अधिकारों के उल्लंघन और अल्पसंख्यक समुदाय की संपत्ति पर नियंत्रण के रूप में देखा जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट की 17 अप्रैल की पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने अदालत को आश्वासन दिया था कि जब तक सुनवाई चल रही है, तब तक वह कानून के विवादित प्रावधानों पर कोई आगे की कार्रवाई नहीं करेगी। यह बयान मुस्लिम पक्ष के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा गया।

इस मामले में मुस्लिम समुदाय की ओर से AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी समेत कई विपक्षी नेता और संगठन अदालत में पक्ष रख रहे हैं। उनका तर्क है कि वक्फ संपत्तियों पर यह कानून सरकार को मनमाना नियंत्रण दे देता है, जो संविधान के खिलाफ है।