प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 सितंबर 2025 को पूर्वोत्तर भारत के दौरे की शुरुआत मिजोरम से की, जो राज्य के लिए एक ऐतिहासिक क्षण साबित हुआ। भारी बारिश के कारण लेंगपुई एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर द्वारा आइजोल के लामुआल ग्राउंड तक पहुंचने में असमर्थ होने के बावजूद, उन्होंने डिजिटल माध्यम से जनसभा को संबोधित किया और 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में सबसे प्रमुख बैराबी-सैरांग रेल लाइन (51.38 किमी) रही, जो मिजोरम को पहली बार भारत के रेल नेटवर्क से जोड़ती है, जिससे आइजोल दिल्ली, गुवाहाटी और कोलकाता से सीधे जुड़ जाएगा।
इस अवसर पर पीएम मोदी ने सायरंग-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, सायरंग-गुवाहाटी एक्सप्रेस तथा सायरंग-कोलकाता एक्सप्रेस को फ्लैग ऑफ किया। उन्होंने तुइकुअल में खेलो इंडिया मल्टीपर्पज इंडोर हॉल का शिलान्यास किया, जो युवाओं को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तैयार करने के लिए आधुनिक सुविधाएं प्रदान करेगा। इसके अलावा, मामित जिले के कावर्थाह में प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत आवासीय स्कूल का उद्घाटन हुआ, जिसमें आधुनिक कक्षाएं, हॉस्टल और कृत्रिम फुटबॉल टर्फ शामिल हैं। एक एलपीजी बॉटलिंग प्लांट भी शुरू किया गया, जो मिजोरम व पड़ोसी राज्यों में स्वच्छ ईंधन की आपूर्ति बढ़ाएगा तथा स्थानीय रोजगार सृजित करेगा।
डिजिटल संबोधन में पीएम मोदी ने मिजोरम की संस्कृति व योगदान की सराहना की तथा सर्वोच्च देवता पाथियन को नमन किया। उन्होंने कहा, "मिजोरम के लिए आज ऐतिहासिक दिन है, आइजोल अब रेल मानचित्र पर आ गया है।" रेल लाइन को "परिवर्तन की जीवनरेखा" बताते हुए उन्होंने जोर दिया कि यह दुर्गम भूभाग की चुनौतियों के बावजूद इंजीनियरों व कार्यकर्ताओं के प्रयासों से संभव हुई। उन्होंने उल्लेख किया कि इससे किसान व व्यवसायी देशव्यापी बाजारों से जुड़ेंगे, शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। पिछले 11 वर्षों में पूर्वोत्तर के विकास पर जोर देते हुए उन्होंने ग्रामीण सड़कें, राजमार्ग, मोबाइल-इंटरनेट कनेक्टिविटी, बिजली, जल तथा एलपीजी विस्तार का जिक्र किया। उड़ान योजना से हवाई यात्रा आसान होने व हेलीकॉप्टर सेवाओं की शुरुआत का भी उल्लेख किया।
पीएम मोदी ने पूर्वोत्तर की निवेश संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला, अष्टलक्ष्मी महोत्सव का उदाहरण देते हुए संस्कृति, वस्त्र व पर्यटन को बढ़ावा देने तथा निवेशकों को प्रोत्साहित करने की बात कही। यह दौरा 13-15 सितंबर तक चलेगा, जिसमें मणिपुर (8,500 करोड़ की परियोजनाएं, 2023 हिंसा के बाद पहला दौरा), असम (18,530 करोड़), पश्चिम बंगाल (16वें संयुक्त कमांडर सम्मेलन) तथा बिहार (36,000 करोड़ व पूर्णिया एयरपोर्ट टर्मिनल) शामिल हैं। कुल 71,850 करोड़ की परियोजनाएं पूर्वोत्तर को "भारत का विकास इंजन" बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।