BHU के प्रोफेसरों का शोध : ग्रह मिलाना जरूरी
वाराणसी । काशी हिन्दू विश्वविद्यालय BHU में हुए एक रिसर्च में सामने आया है कि कुंडली का ठीक-ठीक मिलान नहीं किए जाने से शादियां टूट रही हैं और तलाक बढ़ रहे हैं।
प्रेम विवाह, लिव इन और बढ़ती घरेलू हिंसा के बाद टूटती शादियों को लेकर यह शोध BHU के 3 प्रोफेसरों ने किया है। यह शोधपत्र बुधवार को विश्वविद्यालय में सम्पन्न हुए ज्योतिष सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया।
यह शोधपत्र प्रो. विनय पांडे, प्रो. आशुतोष त्रिपाठी, प्रो. अमित कुमार मिश्रा, शोधार्थी गणेश प्रसाद, नेपाल की पीएचडी स्टूडेंट रोदना घिनरे ने मिलकर तैयार किया जिसमें छह महीने लगे।
शोध में सामने आया कि 37% शादियां सिर्फ इसलिए टूट रही हैं क्योंकि वर-वधु की कुंडली ठीक से मिलाई नहीं जा रही है।
ग्रह दोष होने के बावजूद शादियां की जा रही हैं। ऐसे वर-वधु शादी के बाद लव अफेयर में पड़कर एकदूसरे का मर्डर करवा रहे हैं, या रिश्तों में दरार आने के बाद नए जीवन साथी ढूंढ रहे हैं।
प्रोफेसर पांडे के अनुसार , " लड़का और लड़की की कुंडली में 36 में से 32 गुण मिलने के बाद भी ग्रहों का मिलान जरूरी है। मगर अब लोग माडर्न दिखने के लिए सनातन रस्में निभाते ही नहीं हैं, ज्यादातर लोग शादियों में फोटो शूट में बिजी रहते हैं। "
रिसर्च की गई
250 केस, जिनके 3 साल में तलाक हो गए
इसके लिए 2 तरीके से डेटा लिया गया। पहला - BHU में ज्योतिष विभाग की OPD में पूरे देश से आने वाले केस लिए गए और दूसरा - BHU के शोधार्थियों को यूपी के 12 जिलों में भेजा गया। वहां ऐसे वर-वधु, जिनकी शादी के 3 साल के दरम्यान तलाक हो गया था। ऐसे 250 केस इकट्ठा किए गए। उनके परिवारों से 3 सवालों के जवाब पूछे गए-
-क्या शादी से पहले कुंडली मिलाई गई? कितने गुण मिले? क्या कोई ग्रह दोष मिला?
-अगर ग्रह दोष मिल गया, तब शादी क्यों की?
-क्या शादी के दरम्यान सनातन रीति रिवाज पूरी तरह से फॉलो किए गए?
जो भी इनपुट इकट्ठा हुए। उसके आधार पर सामने आया कि 37% केस में शादी 1-2 साल के अंदर टूट गई थी। इनमें वर-वधु की कुंडली ठीक से नहीं मिलाई गई। 63% केस ऐसे मिले, जिनमें शादी करते वक्त सनातन रीति रिवाज का ध्यान नहीं रखा गया। मुहूर्त ये ध्यान में रखते हुए तय करवा लिए गए कि होटल बुकिंग किस टाइमिंग पर मिल रही है। शादी के वक्त मंत्रोचारण ठीक से नहीं कराए गए।
प्रो पांडे का कहना है,
"कुंडली, ग्रह मिलान जिस वर-वधु का होता है, उसका रिश्ता 100% सही चलता है। ये वैज्ञानिक तथ्य है, ज्योतिष एक तरह की गणित है।"
कुंडली मिलान के बाद ग्रह मिलाने भी जरूरी कुंडली मिलान 2 तरह से होता है। सामने आया कि तमाम ज्योतिषाचार्य लड़का और लड़की की कुंडली का मिलान तो कर देते हैं। मगर ग्रह मिलान नहीं करते हैं इसीलिए कुंडली मिलान के समय 32 गुण मिलने के बाद भी रिश्ता सही से नहीं चलता। दोनों की कुंडली मिलाई जाती है, जिसमें गुण-दोष देखे जाते हैं। मुख्य रूप से कुंडली में मांगलिक दोष, नाड़ी दोष और गण दोष का आकलन किया जाता है, जोकि बेहद जरूरी होता है।
36 में 18 गुण कम से कम जरूर मिलें
मुहूर्त की अनदेखी और ज्योतिष परंपराओं को नजरअंदाज करने से दिक्कत हुई है। शादी के लिए क्या-क्या मिलाना चाहिए
चंद्र बल विचार : चन्द्रमा वर और कन्या की राशि से तीसरा,छठा, सातवां, दसवां, ग्यारहवां शुभ होता है। पहला, दूसरा, पांचवां, नौवां दान देने से शुभ होता है। लेकिन चौथा, आठवां और बारहवां अशुभ ही होता है।
शुभ लग्न : तुला, मिथुन, कन्या, वृषभ एवं धनु लग्न शुभ हैं। अन्य लग्न माध्यम माने जाते हैं।
लग्न शुद्धि : लग्न से बारहवें शनि, दसवें मंगल, तीसरे शुक्र,
लग्न में चंद्रमा और क्रूर ग्रह अच्छे नहीं होते हैं। लग्नेश, शुक्र और चन्द्रमा छठे और आठवें में शुभ नहीं होते।
लग्नेश और सौम्य ग्रह आठवें में अच्छे नहीं होते हैं तथा सातवें में कोई भी ग्रह शुभ नहीं होता है।
मंगल दोष विचार : अगर किसी की कुंडली में लग्न या राशि से प्रथम, द्वितीय, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश मंगल विद्यमान हो तो मांगलिक दोष माना जाता है।
इसलिए कहा जाता है कि ऐसे जातक का विवाह मांगलिक व्यक्ति से ही करना चाहिए। मंगल दोष का उपाय भी चलन में है, माना जाता है कि अगर किसी के मंगल दोष का उपाय कर दिया जाए, तो ऐसे जातक का विवाह गैर मांगलिक से भी संपन्न हो सकता है। लेकिन व्यवहार में देखने में आता है कि मंगल दोष का उपाय करने के बावजूद भी वैवाहिक जीवन में समस्याएं आती हैं।
अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन का हुआ समापन सम्मेलन में 350 विद्वानों ने विचार रखे। इसमें घर, विवाह और कृषि के मुद्दे पर शोध-पत्र पेश किए गए। आयोजन काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग एवं इंदौर स्थित माँ शारदा ज्योतिषधाम अनुसंधान संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में हुआ। देशभर से पधारे 350 से अधिक विद्वानों, आचार्यों एवं शोधार्थियों ने ज्योतिष एवं वास्तु के विविध पहलुओं पर अपने विचार प्रस्तुत किए।