पूजा के लिए लोग घर के मंदिरों में भगवान की मूर्ति या तस्वीर रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि अगर घर के मंदिर में वास्तु के नियमों का पालन करते हुए मूर्तियां स्थापित करें तो आपका जीवन सदैव खुशहाल बना रहेगा। आपको मंदिर में सही संख्या में ही भगवान की मूर्तियां रखनी चाहिए। आइए जानते हैं घर के मंदिर में एक से ज्यादा चित्र या मूर्तियों की स्थिति में संख्या कितनी होनी चाहिए
कितने भगवान करें स्थापित
घर में मंदिर में आमतौर हर अलग-अलग देवी देवताओं की एक एक मूर्ति या चित्र ही रखनी चाहिए और ज्यादा चित्रों का रखने से बचना चाहिए। यदि आप अपने घर के मंदिर में भगवान गणपति की मूर्ति रख रही हैं तो इनकी संख्या दो से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। एक ही मंदिर के अंदर दो से ज्यादा मूर्तियां आपके घर में समस्याओं का कारण बन सकती हैं। हालांकि आप दो मूर्तियों के साथ गणपति की तस्वीर रख सकती हैं। इसके साथ ही घर के मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति रख रही हैं तो एक से ज्यादा मूर्ति न रखें। कभी भी हनुमान जी के रौद्र रूप की तस्वीर या मूर्ति घर में न रखें, ऐसी मूर्ति आपके घर में झगड़ों का कारण बन सकती है।
मूर्ति स्थापना के नियम
यदि आप घर के मंदिर में भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित करती हैं तो ध्यान में रखें कि उन्हें हमेशा राधा रानी के साथ ही स्थापित करें। इससे घर में प्रेम भाव बना रहता है। यदि आप इनकी मूर्तियों की संख्या की बात करें तो कृष्ण के बाल स्वरूप की एक मूर्ति और लड्डू गोपाल के दो स्वरुप रख सकती हैं। हर घर के मंदिर में आदि शक्ति मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र जरूर होता है। इसके अलावा माता के विभिन्न रूपों जैसे माता काली और माता दुर्गा के चित्र कभी भी तीन की संख्या में नहीं होने चाहिए। उनके चित्र तीन से कम या ज्यादा की संख्या में रखे जा सकते हैं।
छोटा सा रखें शिवलिंग
घर के मंदिर में अगर शिवलिंग स्थापित है तो उसके आकार और संख्या का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। घर के मंदिर में स्थापित शिवलिंग को आकार अंगूठे से बड़ा नहीं होना चाहिए। शिवलिंग अत्यंत जाग्रत और संवेदनशील माने जाते हैं इसलिए बड़े आकार के शिवलिंग को घर के मंदिर में नहीं रखना चाहिए। इसके साथ ही घर के मंदिर में एक से ज्यादा शिवलिंग नहीं रखना चाहिए। शिवलिंग को हमेशा पानी से भरे पात्र में स्थापित करना चाहिए।