'किसी पार्टी का अध्यक्ष चुनना हमारा काम नहीं', बीजेपी के नए अध्यक्ष के सवाल पर संघ की दो टूक

Authored By: News Corridors Desk | 24 Mar 2025, 07:40 PM
news-banner

क्या बीजेपी के अगले अध्यक्ष के नाम की घोषणा इसलिए नहीं हो पा रही है क्योंकि इसको लेकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बीच सहमति नहीं बन पा रही है ? यही सवाल जब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ  के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले से पूछा गया , तो उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया । 

किसी पार्टी का अध्यक्ष चुनना हमारा काम नहीं - दत्तात्रेय होसबोले 

दत्तात्रेय होसबोले ने कहा किसी पार्टी का अध्यक्ष चुनना हमारा काम नहीं है, और कोई हम से पूछे ऐसी अपेक्षा भी नहीं है। उन्होने कहा कि हर पार्टी अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है । आरएसएस के सरकार्यवाह ने कहा कि बीजेपी में संघ के स्वयंसेवक हैं इसलिए उनसे हमारा संबंध है , परन्तु पार्टी के अंदरूनी कार्यकलापों में संघ का कोई दखल नहीं है । उन्होने कहा कि, हमारे प्रचारक केवल बीजेपी के लिए नहीं हैं।  कई सामाजिक संगठन हैं जो संघ के प्रचारकों की मांग करते हैं और हम देते हैं । 

23up0E4.jpeg

क्या अध्यक्ष के लिए बीजेपी से सुझाव मांगा गया ? 

संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले से जब यह पूछा गया कि क्या भारतीय जनता पार्टी की ओर से अध्यक्ष पद को लेकर संघ से कोई सुझाव मांगा गया है , तो उन्होने कहा कि, हम एक स्वतंत्र संगठन हैं और बीजेपी भी स्वतंत्र संगठन है । हर संगठन अपने संविधान के हिसाब से चलता है । उनको क्या करना चाहिए , अपने टाइम टेबल के हिसाब से वो तय करेंगे । यह उनका काम है । 

इससे पहले आरएसएस के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने भी कहा था कि भाजपा को अपने नेताओं को चुनने की प्रक्रिया पर फैसला लेने की आजादी है । यह उनका अंदरूनी मामला है । अरुण कुमार ने कहा कि हम एक साथ मिलकर राष्ट्रीय मुद्दों पर काम करते हैं । उन्होंने भाजपा और संघ के बीच किसी तरह की  असहमति से भी इनकार किया । 

प्रधानमंत्री की आगामी नागपुर यात्रा से चर्चा का बाजार गर्म 

बीजेपी का अगला अध्यक्ष कौन होगा , इसको लेकर इन दिनों मीडिया से लेकर राजनीतिक हलकों में जोरदार चर्चा चल रही है । मीडिया में इस बात को लेकर भी चर्चा हो रही है कि बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बीच सहमति नहीं बन पाने की वजह से ही पार्टी का नया अध्यक्ष तय नहीं हो पा रहा है । 

30 मार्च को नागपुर यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संघ प्रमुख मोहन भागवत से होने वाली मुलाकात को भी इसी संदर्भ से जोड़कर देखा जा रहा है । 
बेंगलुरू में 21 मार्च से 23 मार्च तक चली आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के दौरान भी मीडिया में इस बात को लेकर इसकी खूब चर्चा होती रही ।