यूपी में कांवड़ यात्रा मार्ग के होटलों-ढाबों पर QR कोड लगाना जरूरी, सुप्रीम कोर्ट ने नहीं लगाई रोक

Authored By: News Corridors Desk | 22 Jul 2025, 03:35 PM
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उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा के मार्ग पर दुकानों, ढाबों और होटलों में QR कोड लगाने का आदेश लागू रहेगा । सुप्रीम कोर्ट ने इसपर रोक लगाने से फिलहाल मना कर दिया है । 
मंगलवार को इस मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि फिलहाल वह इस आदेश पर रोक नहीं लगाएंगे ।

इसके साथ ही अदालत ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित दुकानों और होटलों पर कानून के अनुसार लाइसेंस व पंजीकरण प्रमाणपत्र और अन्य कागजात प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा।

क्या है पूरा मामला?

हर साल सावन के महीने में लाखों श्रद्धालु कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं। ये श्रद्धालु हरिद्वार और अन्य स्थानों से गंगा से जल लेकर अलग-अलग जगहों पर अपनी श्रद्धा के मुताबिक भगवान शिव को अर्पित करते हैं । इसके लिए वो कांवड़ लेकर लंबी दूरी तय करते हैं । इस दौरान उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से होकर गुजरते हैं ।

कांवड़ यात्रा के दौरान मार्ग पर भारी भीड़ होती है, इसलिए वहां मौजूद दुकानों, ढाबों और होटलों में खाने-पीने की सुरक्षा और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने इन दुकानों पर अनिवार्य रुप से QR कोड लगाने के निर्देश दिए थे । उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि QR कोड लगाने का मकसद कोई भेदभाव करना नहीं, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा और भोजन की गुणवत्ता को लेकर पारदर्शिता बढ़ाना है।

याचिकाकर्ताओं की आपत्तियाँ 

इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी ।  दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद, सामाजिक कार्यकर्ता आकार पटेल, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (एनजीओ) की ओर से यह याचिका दायर की गई थी ।

याचिका में कहा गया था कि QR कोड लगाने से दुकानदारों की निजता का उल्लंघन होता है और यह व्यवस्था धार्मिक भेदभाव को बढ़ावा दे सकती है। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि किसी भी दुकानदार को उसके धर्म या पहचान को सार्वजनिक करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।

याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के 2024 के एक फैसले का हवाला भी दिया। उस फैसले में कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकारों के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें दुकानदारों से अपनी और अपने कर्मचारियों की पहचान बताने को कहा गया था।

तब कोर्ट ने कहा था कि दुकानदारों को सिर्फ यह बताना चाहिए कि वे क्या बेच रहे हैं । उन्हें अपनी धार्मिक या व्यक्तिगत जानकारी साझा करने की जरूरत नहीं है। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि QR कोड की यह नई व्यवस्था उसी नीत‍ि को डिजिटल रूप में लागू करने की कोशिश है । 

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा ?

 सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की दलीलों को स्वीकार नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि, “हमें जानकारी दी गई है कि आज कांवड़ यात्रा का अंतिम दिन है और यह जल्द ही समाप्त हो जाएगी। ऐसे में हम अभी सिर्फ यह आदेश देते हैं कि सभी होटल और ढाबा मालिक वैधानिक नियमों के अनुसार अपना लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाणपत्र सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करें ।”