आज की बड़ी खबर भारतीय रेलवे से है, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स को मजबूत करने के लिए तीन नई पहलों का शुभारंभ किया है. इनमें सोनिक इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स हब, अश्योर्ड ट्रांजिट कंटेनर ट्रेन, और डोर-टू-डोर पार्सल सेवा शामिल हैं. आइए, इस खबर को विस्तार से जानते हैं।
रेलवे को आधुनिक बनाने का संकल्प
नई दिल्ली में आज केंद्रीय रेल, सूचना और प्रसारण, और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने भारतीय रेलवे की तीन नई पहलों का उद्घाटन किया. इन पहलों का लक्ष्य देश में तेज, किफायती और भरोसेमंद लॉजिस्टिक्स सेवाएं प्रदान करना है.
पहली पहल है सोनिक इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स हब, जो लखनऊ डिवीजन में कानपुर से 20 किमी और लखनऊ से 50 किमी दूर स्थित है. ये अत्याधुनिक हब वेयरहाउसिंग, इन्वेंट्री मैनेजमेंट और फर्स्ट व लास्ट-माइल कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. CONCOR द्वारा संचालित इस हब से ट्रैक्टर, उर्वरक, सीमेंट और खाद्यान्न जैसे प्रमुख सामानों की हैंडलिंग होगी, जिससे अगले एक साल में माल ढुलाई में 20% की वृद्धि होने की उम्मीद है.
यात्रियों को सुविधा के साथ माल ढुलाई के लिए भी प्रतिबद्ध
दूसरी पहल है अश्योर्ड ट्रांजिट कंटेनर ट्रेन सेवा, जो दिल्ली के तुगलकाबाद से कोलकाता तक चलेगी. यह साप्ताहिक सेवा दिल्ली-आगरा-कानपुर-कोलकाता मार्ग पर समयबद्ध माल ढुलाई सुनिश्चित करेगी. ग्राहक CONCOR के ई-लॉजिस्टिक्स मोबाइल ऐप के माध्यम से डोर-टू-डोर, टर्मिनल-टू-टर्मिनल, या टर्मिनल-टू-डोर बुकिंग कर सकते हैं. यह सेवा सड़क परिवहन की तुलना में समय और लागत दोनों में प्रतिस्पर्धी है.
पार्सल सेवा भी होगी तेज
तीसरी पहल है डोर-टू-डोर पार्सल सेवा, जो मुंबई के भिवंडी से कोलकाता के संकराइल तक साप्ताहिक रूप से चलेगी. यह सेवा रेल और सड़क परिवहन को जोड़कर माल की डिलीवरी को आसान बनाएगी. CONCOR और इसके सहयोगी पहले और आखिरी मील की डिलीवरी संभालेंगे, जबकि मध्य मील की जिम्मेदारी भारतीय रेलवे की पार्सल ट्रेनों की होगी. यह सेवा लागत और समय को काफी कम करेगी, साथ ही पर्यावरण के अनुकूल लॉजिस्टिक्स समाधान प्रदान करेगी.
इन सुविधाओं से आसान होगा व्यापार
भारतीय रेलवे, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मालवाहक नेटवर्क है और प्रतिवर्ष 1.6 बिलियन टन से अधिक माल ढोता है, इन पहलों के जरिए भारत के लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को और मजबूत कर रहा है. ये न केवल लॉजिस्टिक्स लागत को कम करेगा, बल्कि विकसित भारत के विजन को भी समर्थन देगा.