स्टैंडअप कॉमेडियन और यूट्यूबर समय रैना आखिरकार पुलिस के सामने पेश हो गए हैं। उनके खिलाफ महाराष्ट्र साइबर सेल ने समन जारी किया था, जिसे उन्होंने दो बार अनदेखा किया था। लेकिन अब विवाद ने नया मोड़ ले लिया है।
क्यों पेश हुए समय रैना?
समय रैना आज नवी मुंबई साइबर ब्रांच पहुंचे, जहां उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया। इससे पहले पुलिस उनकी पेशी को लेकर सख्त हो चुकी थी और उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट निकालने की तैयारी कर रही थी। यही वजह रही कि समय को पुलिस के सामने पेश होना पड़ा।
क्या था विवाद?
यह पूरा मामला 8 फरवरी को समय रैना के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए एक एपिसोड से जुड़ा है। इस शो में यूट्यूबर रणबीर अलाहबादिया ने एक कंटेस्टेंट के माता-पिता और महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं। इस एपिसोड के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर शो और उसके जजों को जमकर आलोचना झेलनी पड़ी।
विवाद इतना बढ़ गया कि महाराष्ट्र, असम समेत कई राज्यों में रणबीर, समय रैना और अन्य जजों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई। इतना ही नहीं, शो के उन 30 गेस्ट के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया, जो पहले एपिसोड से लेकर अब तक शो में शामिल हुए थे।
पुलिस द्वारा भेजे गए समन
महाराष्ट्र साइबर सेल ने समय रैना को पहले 17 और फिर 19 मार्च को पेश होने के लिए समन भेजा था, लेकिन बिजी शेड्यूल का हवाला देते हुए उन्होंने दोनों बार पेशी टाल दी थी। हालांकि, बढ़ते विवाद और पुलिस की सख्ती को देखते हुए उन्होंने आखिरकार आज अपना बयान दर्ज कराया।
कौन हैं समय रैना?
समय रैना भारत के लोकप्रिय स्टैंडअप कॉमेडियन और यूट्यूबर हैं। उनके करियर की शुरुआत अमेज़न प्राइम के शो कॉमिक्सतान से मानी जाती है।
समय कश्मीरी पंडित हैं और उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा हैदराबाद में पूरी की है।
बाद में पुणे से उन्होंने इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की।
समय अपने डार्क ह्यूमर और रोस्टिंग कंटेंट के लिए जाने जाते हैं।
समय रैना के अलावा आशीष चंचलानी और अपूर्वा मखीजा के खिलाफ भी एफआईआर हुई थी
रणवीर अल्लाहाबादिया ने दिया था बयान
अब आगे क्या?
समय रैना की पुलिस पेशी के बाद अब इस मामले की जांच और आगे बढ़ेगी। महाराष्ट्र साइबर सेल इस मामले से जुड़े अन्य लोगों से भी पूछताछ कर सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या समय रैना और अन्य आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होती है या फिर यह मामला जल्द शांत हो जाता है।
यह विवाद स्टैंडअप कॉमेडी और सोशल मीडिया कंटेंट की सीमाओं पर भी सवाल खड़े कर रहा है। दर्शकों और क्रिएटर्स को यह समझने की जरूरत है कि ह्यूमर और अभद्रता के बीच की रेखा कितनी पतली हो सकती है।