घर में खुशियां लाने के लिए लोग वास्तु नियमों को पालन करते हैं। हर कोई चाहता है कि उसके घर के लोग खुश रहें। जीवन में सुख-समृद्धि और सकारात्मकता के लिए वास्तु के नियमों का पालन करना बेहद लाभकारी माना जाता है। वास्तु के अनुसार, गलत दिशा में सोने से वास्तु दोष होता है और नकारात्मक ऊर्जा तेजी से बढ़ती है, जिसका असर जीवन पर पड़ता है। वास्तु शास्त्र में सोने की दिशा व नियम के बारे में बताया गया है। लेकिन आमतौर पर लोग सोते समय दिशा का ध्यान नहीं रखते और किसी भी दिशा में सिर या पैर करके सो जाते हैं।
बेड रखने की सही दिशा
बेड का सिराहना यदि गलत दिशा में रखा जाए, तो यह आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, सोते समय आपका सिर कभी भी उत्तर दिशा की ओर नहीं होना चाहिए। हिंदू धर्म में उत्तर दिशा सिर करके केवल मृतक को सुलाया जाता है। यदि सिर उत्तर दिशा में रखा जाता है, तो यह न केवल आपकी नींद को प्रभावित कर सकता है, बल्कि इसके कारण आपकी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है। उत्तर दिशा में सिर रखने से ऊर्जा का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे आप गहरी और गुणवत्तापूर्ण नींद नहीं ले पाते हैं। वहीं, दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से बचना चाहिए। क्योंकि यह दिशा पितरों और यमराज से जुड़ी मानी जाती है। इस दिशा में पर करने से पितृ दोष का सामना भी करना पड़ सकता है। इसलिए सही दिशा में सिर रखकर सोना महत्वपूर्ण है ताकि आप अच्छी नींद और स्वास्थ्य का लाभ उठा सके।
बेड और दीवार के बीच गैप रखना है जरूरी
वास्तु शास्त्र के अनुसार बेड को दीवार से सटाकर रखना शुभ नहीं माना जाता है। इसके बजाय बेड और दीवार के बीच कम से कम 6 इंच का गैप होना चाहिए। इसके अलावा यदि कमरे का आकार सही हो, तो बेड को कमरे के बीचों-बीच रखना चाहिए। इससे घूमने और साफ सफाई करने में भी आसानी रहती है। इसके साथ ही ऐसा करने से कमरे में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।