भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) हो गया है । गुरुवार को लंदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की मौजूदगी में समझौते पर हस्ताक्षर हुए । इससे दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे ।
दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर पिछले तीन साल से बातचीत का दौर चल रहा था । बातचीत की शुरुआत जनवरी 2022 में हुई थी, जब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन थे । उन्होंने भारत के साथ व्यापार सहयोग बढ़ाने की पहल की थी । तब 2024 तक इस डील को अंतिम रूप देने का लक्ष्य रखा गया था । लेकिन राजनीतिक बदलावों और कुछ तकनीकी पहलूओं की वजह से समझौते को अंतिम रुप देने में विलंब हुआ ।
भारतीय उत्पादों पर ब्रिटेन में टैक्स में बड़ी कटौती
दोनों देशों की बीच मुक्त व्यापार समझौता होने के बाद ब्रिटेन भारत के 99% उत्पादों और सेवाओं पर आयात शुल्क खत्म कर देगा । इसका मतलब यह है कि भारत के ज़्यादातर सामान अब ब्रिटेन के बाज़ार में सस्ते दामों में उपलब्ध होंगे।इससे व्यापार की लागत घटेगी,निर्यात बढ़ेगा और कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में प्रतिस्पर्धा का बेहतर मौका मिलेगा।खास कर भारत से फल, सब्जी, मसाले,कपड़े,जूते,गहने और मशीनरी जैसे उत्पाद अब ब्रिटेन में सस्ता हो जाएंगे। इससे भारत के छोटे और मध्यम उद्योगों को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलेगी।
वहीं, भारत ब्रिटेन से आयात होने वाले 90% उत्पादों पर आयात शुल्क घटाएगा या खत्म कर देगा। व्हिस्की पर टैक्स को 150% से घटाकर पहले 90% किया जाएगा और आने वाले 10 वर्षों में इसे घटाकर 40% तक लाया जाएगा ।दोनों देशों का लक्ष्य है कि 2030 तक आपसी व्यापार को 120 अरब डॉलर तक पहुंचाया जाए।
महंगी भी हो सकती हैं कुछ चीजें
दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से जहां कई चीजें सस्ती होंगी, वहीं कुछ प्रोडक्ट्स की कीमतों में बढ़ोतरी भी हो सकती है जिनमें कार, बाइक जैसे ऑटोमोबाइल प्रोडक्ट्स, कुछ कृषि उत्पाद और स्पेशल ग्रेड स्टील शामिल हैं । इसकी वजह यह है कि कुछ भारतीय टैक्स नियमों और घरेलू उद्योगों की सुरक्षा के चलते इनपर टैरिफ में कम छूट दी गई है ।
समझौते पर क्या बोले भारत और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को आर्थिक सहयोग का नया अध्याय बताया है । उन्होंने कहा कि, "यह सिर्फ एक व्यापार समझौता नहीं, बल्कि भारत और यूके के भविष्य को जोड़ने वाला एक आर्थिक सेतु है । इससे हमारे युवाओं, किसानों, मछुआरों और उद्यमियों को नए अवसर मिलेंगे।" इससे ब्रिटेन में बने मेडिकल उपकरण भी अब भारत में सस्ते और आसानी से उपलब्ध होंगे ।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भी इसे ऐतिहासिक समझौता बताया और कहा कि, "यह डील स्कॉटलैंड के व्हिस्की से लेकर ब्रिटेन के टेक्नोलॉजी सेक्टर तक के लिए फायदेमंद होगी। यह दोनों देशों में निवेश और नौकरियों को बढ़ावा देगी।" उन्होंने कहा कि इस डील से क्रिटेन में 6 अरब पाउंड का नया निवेश आकर्षित होगा, हजारों नई नौकरियां पैदा होंगी ।
अगर अपने देश की बात करें तो भारत की वैश्विक व्यापार में भूमिका बढ़ेगी । भारत यूरोपीय बाजारों में अपनी पकड़ मजबूत कर सकेगा और बांग्लादेश, वियतनाम, चीन जैसे देशों से प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ेगा । इससे मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों को भी अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिलेगा ।