वाराणसी । नए जिला जज संजीव शुक्ला ने कार्यभार संभालने के बाद ज्ञानवापी मामले की पहली सुनवाई की। उन्होंने अदालत में श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी से जुड़े मामलों की फाइलों का अध्ययन किया और दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं।
इस दौरान हिंदू पक्ष ने अदालत में श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन, बंद तहखानों की मरम्मत और मुस्लिम नमाजियों को तहखाने की छत पर जाने से रोकने जैसी मुख्य मांगें रखीं। साथ ही, वजूखाने पर लगी सील और फटे हुए कपड़े को बदलने का अनुरोध भी किया गया।
वजूखाने पर बहस और कोर्ट का रुख
सोमवार को सुनवाई के दौरान सबसे पहले वजूखाने पर हुई पिछली कार्रवाई पर चर्चा हुई। इसमें 16 मई को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के आदेश का हवाला दिया गया, जिसमें कथित वजूखाने को सील करने की बात थी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सील किए गए वजू स्थल पर कपड़ा और ताला बदलने को लेकर बहस केंद्रित रही। दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद जिला जज ने फाइलों के गहन अध्ययन के लिए थोड़ा समय मांगा। अगली सुनवाई की तारीख 24 अक्टूबर तय की गई है।
एक साथ 7 मुकदमों की सुनवाई
सोमवार को कोर्ट में ज्ञानवापी से जुड़े सात मामलों की संयुक्त सुनवाई हुई। इनमें पांच महिलाएं लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक और राखी सिंह ने परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देवी-देवताओं की पूजा की अनुमति मांगी है। उनके वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी और सुधीर त्रिपाठी ने मांग की कि इन मामलों की सुनवाई तेजी से की जाए।
एएसआई सर्वे और तहखानों की मांग
वादी पक्ष ने कहा कि दक्षिण दिशा का एस-1 और उत्तर दिशा का एन-1 तहखाना अभी तक एएसआई सर्वे में शामिल नहीं हो सका क्योंकि वह पत्थरों से बंद हैं। उन्होंने कोर्ट से मांग की कि इन बाधाओं को हटाकर एएसआई को अंदर सर्वे करने की अनुमति दी जाए।
अन्य लंबित मामले
सुनवाई में भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान की ओर से दाखिल याचिका पर भी चर्चा हुई, जिसमें मस्जिद में मिले शिवलिंग की पूजा की अनुमति और उसमें बाधा डालने वालों के प्रवेश पर रोक की मांग की गई है।
पिछली सुनवाई में अभियोजन पक्ष ने बताया था कि सभी मामलों को एक साथ क्लब करने का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इसलिए कोई भी निर्णय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही लिया जाए।
एक प्रार्थना पत्र खारिज
जिला जज ने 1991 में दाखिल लॉर्ड विश्वेश्वर के मुकदमे को सिविल कोर्ट से जिला जज की अदालत में स्थानांतरित करने की मांग खारिज कर दी।