सनातन परंपरा में धनतेरस के दिन सोना या चांदी खरीदना शुभ माना जाता है, लेकिन इस बार कितने लोग ख़रीद पाएंगे सोना. सोना ने पिछले 10 सालों का रिकॉर्ड तोड़ आपकी जेब खाली करने की तैयारी शुरु कर दी है, दिवाली के समय सोने की डिमांड बढ़ जाती है, जिससे इसकी कीमत में भी इजाफा आता है। आज चलिए देखते हैं पिछले 10 सालों में दिवाली के समय सोने की कीमत कितनी हुई है। यानी साल साल 2015 से 2025 तक सोने का भाव कितना रहा।
10 साल में सोना कितना महंगा हुआ
साल 2015 में सोने की कीमत मात्र 25 हजदार 490 रुपए थी लेकिन 2016 में ये बढ़कर 30हजार 57 रुपए पहुँच गया 2017 में सोने की कीमत में थोड़ी कमी आई और वो 29 हज़ार छ सौ उन्यासी रुपए पर रहा 2018 में 31,589 रू, 2018 में 38293, 2020 में सोना 50 हजारी हो गया, कोरोना के समय 2021-2022 में सोना क्रमश: 47 हज़ार और 51 के आस पास रहा, 2023 में फिर थोड़ी सी बढ़त के साथ सोना 59 हज़ार तक पहुंचा , 2024 में तीस फीसदी की छलाँग लगाकर सोना एकदम से 78 हज़ार तक पहुँच गया और इस समय तो सोना लाख टकिया हो चुका है यानि महज़ 10 साल में सोनान 25 हज़ार से 1 लाख तक की छलाँग लगा चुका है तो जेब सोच समझकर खाली करिएगा।
दिवाली से पहले सस्ता होगा सोना
त्योहार की खुशी को दोगुना करने के लिए सोना खरीदना जरूरी है तो क़ीमत मायने नहीं रखती लेकिन अगर आप निवेश के उद्देश्य से सोना खरीदने का प्लान कर रहे हैं। तो एक्सपर्ट की राय यही है, कि अभी सोना से दूरी बनाए रखने की ज़रूरत है, क्योंकि उसमें कभी भी गिरावट आ सकती है। इस कमी की वजह फेड रेट या युद्धों के समझौते हो सकते हैं हालांकि कुछ संस्थाओं का मानना है, कि सोने के दाम अभी 25 से 50 फीसदा तक और बढ़ सकते हैं गोल्डमैन सैक्स सोने की क़ीमत 50 फीसदी तो पीएम कैपिटल के मुताबिक़ कीमतों में 25 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है। इस बढ़ोतरी की वजह भू राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितताएं होंगी।
सोने की क़ीमत बढ़ने का 5 प्रमुख कार
पहला कारण डॉलर को ढेंगा दिखाने के लिए दुनिया भर के कई बैंक लगातार सोना ख़रीद रहे हैं। जिससे सोने की कीमतों में डिमांड की वजह से इजाफा हो रहा है, दूसरा कारण ट्रंप फ़ैक्टर और आर्थिक अनिश्चितता से निवेशक परेशान हैं और वो सुरक्षित निवेश के लिए सोने की ओर भाग रहे हैं, तीसरा कारण क्रिप्टो करेंसी में भी अनिश्चित उतार चढ़ाव देखते हुए निवेशक सोने का रुख़ कर रहे हैं, चौथा कारण डीडॉलराइजेशन की वजह से सोना हर देश की डिमांड बनता जा रहा है। जिससे उनकी रिजर्व कमजोर न होने पाए और पांचवां कारण अगर आप सोने की 10 साल की कीमतें देखेंगे तो वो 25 हज़ार से 1 लाख तक पहुँच चुका है ऐसे में लॉन्ग टर्म निवेश के लिए सोने से अच्छा कुछ भी नहीं हो सकता तो समझे अगर निवेश करना है तो थोड़ा इंतज़ार करें और दीवाली का मजा लेना है तो बिंदास सोना खरीदें।