तो किस दिन मनाए दिवाली? क्या आपके भी मन को यही बात परेशान कर रही है? 20 या 21 मे से किस दिन करे घर मे 'माँ लक्ष्मी' की पूजा। बुराई पर अच्छाई की जीत को हम दशहरे के कुछ दिनों बाद दीपावली के रूप में धूमधाम से मनाते हैं। लेकिन इस बार, जब दिवाली की तारीख को लेकर लोगों के मन में कन्फ्यूज़न है और अमावस्या दो दिन की है, तो लोगो के मन मे, यह सवाल उठना तो लाजमी है, कि किस दिन मनाए दिवाली?
अमावस्या दो दिन, लेकिन दिवाली पूजा सिर्फ 20 अक्टूबर को ही करें
इस बार अमावस्या दो दिन तक रहेगी, लेकिन दिवाली हम 20 अक्टूबर को ही धूमधाम से मनाएंगे। 21 अक्टूबर को सिर्फ स्नान-दान की अमावस्या रहेगी, पूजा के लिए वह दिन सही नहीं माना जाता। क्योकि इस साल अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर दोपहर 3:44 बजे से शुरू होकर 21 अक्टूबर शाम 5:43 बजे तक रहेगी। और ज्योतिषाचार्यों के हिसाब से दीपावली का असली दिन वही है, जब अमावस्या पूरी रात रहती है और लक्ष्मी पूजा की जाती है, यानी 20 अक्टूबर। क्योंकि 21 तारीख को अमावस्या तिथि सूरज डूबने से पहले खत्म हो रही है, इसलिए उस दिन पूजा करना ठीक नहीं माना जा रहा है , या ये कहे की पूजा करने का कोई लाभ नहीं मिलेगा । काशी विद्वत परिषद ने भी कहा है कि दिपावली 20 अक्टूबर को ही मनाई जानी चाहिए।
दिवाली कैसे मनाएं?
दिवाली बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार है। इस दिन घर की सफाई करें और रंगोली, फूल और दीपक लगाकर घर को सजाएं। शाम को भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करें। पूजा के दौरान दीपक जलाएं, आरती करें और परिवार की खुशहाली की कामना करें। पूजा के बाद मिठाई बांटें और जरूरतमंदों को दान दें। दीपावली की रात घर-आंगन दीपकों से जगमगाता है, जिससे अंधकार दूर होता है और घर में सुख, समृद्धि और अच्छा माहौल बनता है। इस तरह आप भी अपनी दिवाली बड़ी श्रद्धा और खुशी के साथ मनाए ।
अन्य त्योहारों की तिथियाँ
दीपावली के बाद भी कुछ खास त्योहार आते हैं। जिनकी तिथियों कि बारे मे जान लेना भी जरुरी है 22 अक्टूबर को गोवर्धन है, जिसमें भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है। इसके अगले दिन, 23 अक्टूबर को भाई दूज मनाया जाएगा। यह दिन भाई-बहनों के प्यार को मजबूत करने का त्योहार है। ऐसे में दीपावली के बाद ये त्योहार भी खुशियाँ और भाईचारे को बढ़ाते हैं। भारत कॉरिडोर्स को आशा है, कि आप सभी तिथियों को जानकर अब निश्चिंत होंगे और सभी त्योहारों को खुशी-खुशी मनाएंगे।