सेनाओं केआधुनिक हथियार खरीदने के लिए नौ हजार करोड़ रुपए मंजूर

Authored By: News Corridors Desk | 24 Oct 2025, 01:57 PM
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दिल्ली । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने  लगभग 79,000 करोड़ रुपये की विभिन्न सैन्य सेवाओं के प्रस्तावों को मंज़ूरी दी। 
साउथ ब्लाक में हुई बैठक के दौरान गुरुवार को भारतीय सेना के लिए, नाग मिसाइल सिस्टम (ट्रैक्ड) एमके-II (एनएएमआईएस), ग्राउंड बेस्ड मोबाइल ईएलआईएनटी सिस्टम (जीबीएमईएस) और मैटेरियल हैंडलिंग क्रेन सहित हाई मोबिलिटी व्हीकल्स (एचएमवी) की खरीद के लिए  स्वीकृति दी गई।


 एनएएमआईएस (ट्रैक्ड) की खरीद से भारतीय सेना की दुश्मन के लड़ाकू वाहनों, बंकरों और अन्य क्षेत्रीय किलेबंदी को निष्क्रिय करने की क्षमता बढ़ेगी, जबकि जीबीएमईएस दुश्मन के उत्सर्जकों की चौबीसों घंटे इलेक्ट्रॉनिक खुफिया जानकारी प्रदान करेगा। एचएमवी के शामिल होने से विविध भौगोलिक क्षेत्रों में सेनाओं को रसद सहायता में उल्लेखनीय सुधार होगा।
भारतीय नौसेना के लिए, लैंडिंग प्लेटफ़ॉर्म डॉक्स (एलपीडी), 30 मिमी नेवल सरफेस गन (एनएसजी), एडवांस्ड लाइट वेट टॉरपीडो (एएलडब्ल्यूटी), इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इन्फ्रा-रेड सर्च एंड ट्रैक सिस्टम और 76 मिमी सुपर रैपिड गन माउंट के लिए स्मार्ट गोला-बारूद की खरीद के लिए एओएन प्रदान किया गया। एलपीडी की खरीद से भारतीय नौसेना को भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के साथ जल-थलचर अभियानों को अंजाम देने में मदद मिलेगी। 


एलपीडी द्वारा प्रदान की गई एकीकृत समुद्री क्षमता भारतीय नौसेना को शांति अभियानों, मानवीय सहायता और आपदा राहत आदि में भी मदद करेगी। डीआरडीओ की नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित एएलडब्ल्यूटी का आगमन पारंपरिक, परमाणु और छोटी पनडुब्बियों को निशाना बनाने में सक्षम है। 30 मिमी एनएसजी की खरीद से भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल की कम तीव्रता वाले समुद्री अभियानों और समुद्री डकैती विरोधी भूमिकाओं को निभाने की क्षमता में वृद्धि होगी।


भारतीय वायु सेना के लिए, सहयोगी लंबी दूरी लक्ष्य संतृप्ति/विनाश प्रणाली (सीएलआरटीएस/डीएस) और अन्य प्रस्तावों के लिए एओएन प्रदान किया गया। सीएलआरटीएस/डीएस में मिशन क्षेत्र में स्वचालित टेक-ऑफ, लैंडिंग, नेविगेशन, पता लगाने और पेलोड पहुंचाने की क्षमता है।