GST स्लैब में बड़ा बदलाव:जानिए 22 सितंबर से आपके जीवन में क्या-क्या बदलने जा रहा है...

Authored By: News Corridors Desk | 04 Sep 2025, 03:33 PM
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22 सितंबर 2025 से देशभर के करोड़ों लोगों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी में बड़ा बदलाव आने जा रहा है । अच्छी बात यह है कि यह बदलाव आम लोगों को काफी राहत देने वाला है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से अपने भाषण में दिवाली से पहले जिस गिफ्ट का वायदा किया था, वो अब सामने आ चुका है । 

जीएसटी काउंसिल की मंजूरी के बाद केंद्र सरकार ने  GST स्लैब में बड़े बदलाव की घोषणा की है जो 22 सितंबर से लागू हो जाएगा । सरकार का कहना है कि वैसे तो इस फैसले से हर वर्ग को फायदा होगा, परन्तु मध्यम वर्ग और निम्न आयवर्ग के लोगों को इससे काफी राहत मिलेगी । इसके साथ ही इस रिफॉर्म से बाजारों में मांग बढ़ेगी, जिससे अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।

नए GST सुधारों के तहत अब कई ज़रूरी और दैनिक उपयोग की चीजों पर टैक्स कम कर दिया गया है। इसका सीधा फायदा आम लोगों को मिलेगा । सिर्फ शहरों में नहीं, बल्कि गांवों और कस्बों में रहने वाले उन लाखों परिवारों को भी बड़ी राहत मिलेगी जिनका बजट सीमित होता है और हर महीने की खरीदारी सोच-समझकर करनी पड़ती है। 

जरूरी चीजें सस्ती, लग्जरी आइटम्स पर भारी टैक्स

नई व्यवस्था के अनुसार, अब GST के केवल दो मुख्य स्लैब, 5% और 18% होंगे । रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली चीजों को 5% स्लैब में रखा गया है, जबकि बाकी सामान्य वस्तुओं पर 18% टैक्स लगेगा । वहीं जो वस्तुएं लक्जरी से जुड़ी हैं,उन पर एक 40% का विशेष स्लैब लागू रहेगा। 

क्या- क्या होगा सस्ता ?

GST स्लैब में बदलाव के फैसले में आम लोगों की थाली से जुड़ी चीज़ों का खास ध्यान रखा गया है । दूध और सब्ज़ियों की तरह अंडा पर पहले भी कोई GST नहीं था, और अब भी यह टैक्स फ्री ही रहेगा ।  पनीर पर पहले 12% टैक्स लगता था, जिसे अब शून्य कर दिया गया है। यानी 200 ग्राम के पैक पर करीब 10 रुपये तक की सीधी बचत होगी।

इसी तरह मक्खन और घी जैसे डेयरी उत्पादों पर GST 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है । ब्रेड और रेडी-टू-ईट पिज़्ज़ा पर टैक्स को 5% से शून्य किया गया है। चॉकलेट, बिस्कुट और मिठाइयों पर टैक्स 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है  जो यह एक बड़ा बदलाव है । इससे इन प्रडक्ट्स की कीमतों में औसतन 10 से 15% तक की कमी आ सकती है । 

पढ़ाई, इलाज और बीमा होगा सस्ता 

अब पढ़ाई से जुड़े जरूरी सामान जैसे नक्शे, चार्ट, ग्लोब, शार्पनर, पेंसिल, क्रेयॉन्स, पेस्टल कलर्स, एक्सरसाइज बुक्स और नोटबुक्स पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा। पहले इन पर 12% तक टैक्स था। इसके साथ ही जीएसटी काउंसिल ने 33 जीवनरक्षक दवाइयों, जिनमें कैंसर की दवाएं भी शामिल हैं, से भी टैक्स पूरी तरह हटा दिया है। इससे गंभीर बीमारियों के इलाज का खर्च कम होगा।
 हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों पर भी अब जीएसटी नहीं लगेगा, जिससे बीमा लेना भी और सस्ता हो जाएगा।

पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स पर राहत 

मोदी सरकार की नई GST नीति का बड़ा असर उन प्रोडक्ट्स पर भी पड़ेगा जो हर घर में रोज़ाना इस्तेमाल होते हैं । हेयर ऑयल, शैम्पू, टूथपेस्ट, टैल्कम पाउडर, शेविंग क्रीम, आफ्टरशेव जैसे सामानों पर अब 18% की जगह 5% GST लगेगा। इससे 100 रुपये के हेयर ऑयल की कीमत लगभग 87 रुपये रह सकती है। यही राहत टूथब्रश और डेंटल फ्लॉस जैसे प्रोडक्ट्स पर भी लागू होगी। 

इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों टैक्स में कटौती

मध्यम वर्ग के लिए यह खबर और भी राहत देने वाली है क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर टैक्स में भी कटौती की गई है। एयर कंडीशनर, बर्तन धोने की मशीनें, टीवी (एलईडी, एलसीडी), मॉनिटर और प्रोजेक्टर जैसे उपकरणों पर पहले 28% GST लगता था, जिसे अब घटाकर 18% कर दिया गया है। इससे इन उत्पादों की कीमतों में 8% से 10% तक की कमी आने की संभावना है, जो त्योहारों से पहले खरीदारी करने वालों के लिए एक अच्छा अवसर है।

कृषि और किसानों के लिए भी राहत

सरकार ने किसानों का भी पूरा ख्याल रखा है। खेती-किसानी से जुड़ी मशीनों और उपकरणों पर टैक्स दरों में कटौती की गई है। 1800cc से कम क्षमता वाले ट्रैक्टर अब 12% की बजाय 5% GST के दायरे में आएंगे। ट्रैक्टर के टायर और ट्यूब पर भी टैक्स 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। मिट्टी तैयार करने, कटाई-थ्रेसिंग, सिंचाई और खाद से जुड़ी मशीनों को भी 12% से घटाकर 5% के स्लैब में रखा गया है। इससे खेती में लगने वाली लागत कम होगी, और किसानों को आर्थिक रूप से सीधी राहत मिलेगी।

क्या-क्या हुआ महंगा ? 

नई GST पॉलिसी में जहां ज़रूरत की चीज़ों को सस्ता किया गया है, वहीं कुछ खास वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाया गया है। विलासिता और स्वास्थ्य पर विपरीत असर डालने वाली चीज़ों पर सख्ती बरती जाएगी। कोल्ड ड्रिंक, प्राइवेट जेट, यॉट, क्रिकेट मैच टिकट, पान मसाला, गुटखा, शराब और महंगी गाड़ियों पर अब 40% का टैक्स देना होगा यानि इसके लिए ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे ।

त्योहार से पहले क्यों लिया गया फैसला ?

GST के स्लैब में बदलाव का फैसला सरकार ने इस वक्त लिया है इसके पीछे भी खास वजह है । त्योहारों के सीजन में जहां बाजारों में खरीदारी बढ़ती है, वहीं उपभोक्ताओं पर भी आर्थिक बोझ पड़ता है। ऐसे समय में टैक्स दरों को कम करने से न केवल आम लोगों को राहत मिलेगी,बल्कि बाजार में खरीददारी भी अधिक होगी । इससे अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी । 

सरकार का कहना है कि यह फैसला आम जनता को राहत देने और सिस्टम को आसान बनाने के लिए लिया गया है। दो स्लैब की टैक्स व्यवस्था से टैक्स भरने वालों को भी आसानी होगी और उपभोक्ताओं को भी पारदर्शिता मिलेगी।