इस साल 2025 के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होना है। इसको लेकर बीजेपी ने अभी से अपनी तैयारी शुरू कर दी है। बिहार में चुनावी साल पर हर सियासी दल अपने चाल चल रहे हैं। इसी में एक मास्टर प्लान अमित शाह ने भी तैयार किया है। बीजेपी ने 70 स्थान पर बिहार दिवस मनाने का बड़ा अभियान बनाया है। यह कार्यक्रम 22 मार्च से 30 मार्च तक चलेगा जिसमें पार्टी के कई दिग्गज नेता शामिल होंगे। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ राज्य में धूमधाम से बिहार स्थापना दिवस मनाया गया। इसके साथ ही भिलाई में भी बीजेपी के नेताओं ने बिहार-तिहार स्नेह मिलन कार्यक्रम आयोजित किया है।
बिहार के डिप्टी सीएम लेंगे हिस्सा
राजधानी दिल्ली में बिहार दिवस मनाने के लिए 23 मार्च को कई कल्चरल प्रोग्राम का आयोजन होगा। इस आयोजन में बिहार के डिप्टी सीएम भी भाग लेंगे। इसका उद्देश्य बिहार के बारे में लोगों को बताना है। बीजेपी इन कार्यक्रमों के जरिए दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में रहने वाले बिहारी लोगों तक पहुंचने का प्लान बना रही है। बता दें कि इस कार्यक्रम में गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी प्रेसिडेंट जेपी नड्डा समेत कई केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे।
बिहार का स्थापना दिवस
बिहार अपने स्थापना का 113 वां वर्ष मना रहा है। 22 मार्च, 1912 में बंगाल से बिहार अलग हुआ था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2010 में बिहार दिवस मनाने का बड़ा फैसला लिया था। तब से लगातार इसका आयोजन हो रहा है। इस बार भी 22 मार्च से 24 मार्च तक पटना के गांधी मैदान में अब तक का सबसे बड़ा कार्यक्रम होने जा रहा है।
बिहारी वोटबैंक पर सरकार की नजर
बिहार की आबादी 14 करोड़ के करीब है। इसमें 7 करोड़ 80 लाख के आसपास वोटर हैं। बिहार के वोटर का बड़ा हिस्सा प्रवासी के तौर पर दूसरे राज्यों में रह रहे हैं या फिर काम कर रहे हैं। अब राजनीतिक दलों की ओर से उन्हें टारगेट किया जा रहा है। 12 लाख से अधिक लोग दिल्ली में रहते हैं। बड़ी संख्या में वहीं के वोटर हो गए हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी लाखों बिहार के लोगों ने बीजेपी सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है। चुनाव के समय बिहार के प्रवासियों को प्रलोभन देकर राजनीतिक दल के नेता बुलाते हैं। बिहार में वोटिंग का प्रतिशत देश में सबसे कम होता है। इसका बड़ा कारण पलायन माना जाता है।