बी. सुदर्शन रेड्डी होंगे उप राष्ट्रपति के लिए विपक्ष के उम्मीदवार, जानिए विपक्ष की क्या है रणनीति ?

Authored By: News Corridors Desk | 19 Aug 2025, 03:33 PM
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सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार होगें । इंडी गठबंधन की बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसकी घोषणा की । बी. सुदर्शन रेड्डी 21 अगस्त को अपना नामांकन दाखिल करेंगे । उनका मुकाबला एनडीए के उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन से होगा । 

बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाए जाने के बारे में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वह भारत के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक हैं और सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के एक निरंतर और साहसी समर्थक रहे हैं। खड़गे ने कहा कि, यदि आप उनके कई फैसले पढ़ेंगे, तो आपको पता चलेगा कि उन्होंने कैसे गरीबों का पक्ष लिया और संविधान व मौलिक अधिकारों की रक्षा की।

कैसे बनी बी. सुदर्शन रेड्डी के नाम पर सहमति ? 

उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में बी. सुदर्शन रेड्डी के नाम पर काफी मंथन और कई दौर की बैठकों के बाद सहमति बनी । दरअसल उम्मीदवार को लेकर गठबंधन के दलों की अलग-अलग राय थी । तमिलनाडु में आनेवाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए डीएमके चाहती थी कि उम्मीदवार दक्षिण भारत से हो । वहीं ममता बनर्जी का कहना था कि गैर-राजनीतिक व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए ।

कांग्रेस और अन्य दल चाहते थे कि सभी की सहमति से उम्मीदवार का नाम घोषित हो । ऐसे में तय हुआ कि उम्मीदवार ऐसा हो जो राजनीति से नहीं बल्कि समाज और न्यायपालिका से जुड़ा हो और जिसकी छवि बेदाग हो । इन तमाम मापदंडों पर परखने के बाद आखिरकार बी. सुदर्शन रेड्डी के नाम पर सहमति बन गई । 

क्या है विपक्ष की रणनीति ? 

गैर राजनीतिक और बेदाग छवि वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायधीश को उम्मीदवार बनाने के पीछे विपक्ष की काफी सोची-समझी रणनीति है । एनडीए के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा से भले ही जुड़े रहे हैं,लेकिन कई सारी खासकर तमिलनाडु की दूसरी पार्टियों में भी उनको लेकर सॉफ्ट कॉर्नर बताया जाता है । इसकी वजह है उनकी बेदाग छवि और सबको साथ लेकर चलने की कार्यशैली । विपक्ष ने भी ऐसी ही बेदाग छवि और अच्छी साख वाले बी. सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतार कर एनडीए के सामने चुनौती पेश करने की कोशिश की है ।  

इसका दूरा पक्ष यह है कि इससे गठबंधन के पार्टियों के बीच की असहमति खत्म हो गई है । अब सभी पार्टियां पूरा जोर लगाएगी और क्रॉस वोटिंग या फिर किसी दल के मतदान में शामिल न होने जैसी स्थिति उत्पन्न नहीं होगी । 

इसके अलावा एनडीए ने तमिलनाडु के रहने वाले सी.पी. राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाकर दक्षिण भारत के क्षेत्रीय दलों के सामने दुविधा की स्थिति पैदा करने की कोशिश की थी । अब इंडी गठबंधन ने भी बी, सुदर्शन रेड्डी के नाम की घोषणा के बाद तेलंगाना और आंध्रपदेश के कई राजनैतिक दलों के सामने भी वैसी दुविधा पैदा करने की कोशिश की है । बता दें कि बी. सुदर्शन रेड्डी आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं । 

कौन हैं बी. सुदर्शन रेडी ? 

बी. सुदर्शन रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश हैं । वह गोवा के पहले लोकायुक्त भी रह चुके हैं । बी. सुदर्शन रेड्डी का जन्म आंध्र प्रदेश के रंगा रेड्डी जिले के अकुला मायलारम गांव में हुआ था । उनके पिता किसान थे । उन्होंने हैदराबाद के उस्मानिया यूनिवर्सिटी से 1971 में लॉ की डिग्री ली और वकील के रुप में प्रैक्टिस शुरू की । 


1993 में वे आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए और मई 1993 को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के एडिशनल जज नियुक्त किए गए । बी सुदर्शन रेड्डी 2005 में गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने । 12 जनवरी 2007 को बी. सुदर्शन रेड्डी को सुप्रीम कोर्ट का एडिशनल जज नियुक्त किया गया जहां से 8 जुलाई 2011 को वे रिटायर हुए ।