क्या आप वाक़ई समझते हैं कि ChatGPT या Gemini जैसे AI टूल्स पर अपनी फोटोज़ और पर्सनल डिटेल्स शेयर करना सुरक्षित है? हाल ही में वायरल हुए Gemini का "Nano Banana" ट्रेंड ने लोगों को तो एंटरटेन किया, लेकिन गोपनीयता के लिहाज से यह काफी सवाल खड़े कर रहा है। कई यूज़र्स की तस्वीरों में AI ने ऐसी एडिटिंग की, जिससे उनकी पहचान या निजी जानकारी असुरक्षित हो सकती है। क्या ये सिर्फ मज़ेदार ट्रेंड है या आपकी प्राइवेसी को खतरा? ऐसे सवाल हर AI यूज़र के दिमाग में उठने लाज़मी हैं, क्योंकि एक बार डेटा शेयर करने के बाद उसे पूरी तरह से कंट्रोल करना मुश्किल हो सकता है।
AI टूल्स में फोटो अपलोड करना कितना सुरक्षित है: मेटाडेटा ?
जब आप अपनी फोटो या पर्सनल डिटेल्स AI टूल्स जैसे ChatGPT या Gemini में अपलोड करते हैं, तो सिर्फ इमेज ही नहीं बल्कि उससे जुड़ी तकनीकी और निजी जानकारियाँ भी उनके डेटाबेस में स्टोर हो जाती हैं।
मेटाडेटा के माध्यम से आपकी फोटो की लोकेशन, क्लिक करने का समय, कैमरा सेटिंग्स, फोकल लेंथ और अन्य डिटेल्स रिकॉर्ड हो जाती हैं, जिन्हें आमतौर पर हम नहीं देखते। इसका मतलब है कि आप इंटरनेट पर सिर्फ फोटो ही नहीं, बल्कि अपने बारे में कई निजी जानकारियां भी साझा कर रहे हैं। हम आपको बता दे की ये नैनोट्रेन्ड है क्या आख़िरकार Nano Banana ट्रेंड एक मज़ेदार सोशल मीडिया और AI फोटो एडिटिंग ट्रेंड है, जो Gemini ऐप पर खूब वायरल हुआ। इसमें लोग अपनी फोटो AI की मदद से अलग-अलग और फनी अंदाज़ में बदलवाते हैं, कभी-कभी कार्टून जैसे लुक में भी। इसका नाम “Nano Banana” इस मज़ेदार और ध्यान खींचने वाले अंदाज़ की वजह से पड़ा, जो देख कर हर कोई एंटरटेन हो जाता है।
AI टूल्स में निजी जानकारी साझा करना: भविष्य में प्राइवेसी के लिए खतरे?
भले ही नुकसान तुरंत नजर न आए, भविष्य में यह डेटा गलत हाथों में पड़कर आपकी प्राइवेसी या सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। इसलिए AI टूल्स में कुछ भी अपलोड करने से पहले हमेशा सावधानी बरतना और संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचना जरूरी है।
हाल ही में यह सामने आया कि लाखों लोगों का ChatGPT डेटा गूगल सर्च पर आसानी से उपलब्ध हो गया। खोज करने पर यूजर्स की प्राइवेट तस्वीरें और व्यक्तिगत बातें भी दिख रही हैं। इसका मतलब यह है कि अगर आपकी निजी फोटो या चैट्स लीक हो जाएँ, तो किसी के द्वारा ब्लैकमेल या अन्य गंभीर नुकसान हो सकता है।
लोग अक्सर ChatGPT और अन्य AI टूल्स में अपनी व्यक्तिगत जानकारी और प्राइवेट तस्वीरें डाल देते हैं। इनके टर्म्स और कंडीशन्स में लिखा होता है कि यूजर द्वारा डाली गई जानकारी कंपनी के पास स्टोर होती है और इसका इस्तेमाल मॉडल को बेहतर बनाने के लिए किया जा सकता है।
कई लोग मानते हैं कि बड़ी कंपनियां अपने डेटा का गलत इस्तेमाल नहीं करेंगी, लेकिन OpenAI या Google का डेटा लीक हो जाए, तो नुकसान सीधे उन यूजर्स को होगा जिन्होंने अपनी निजी जानकारी और तस्वीरें AI टूल्स में अपलोड की थीं। पब्लिक फोटो साझा करना कुछ हद तक सुरक्षित है, लेकिन जब आप AI टूल्स में निजी तस्वीरें और पर्सनल डिटेल्स डालते हैं, तो यह याद रखना जरूरी है कि उनका गलत इस्तेमाल कभी भी हो सकता है। आपका क्या कहना है—क्या आप AI में अपनी निजी जानकारी शेयर करना सही मानते हैं? कमेंट में हमें जरूर बताएं!