नैतिकता के साथ हो AI का इस्तेमाल...सरकार, उद्योग और कंटेंट क्रिएटर्स के बीच सहयोग अनिवार्य - वैष्णव

Authored By: News Corridors Desk | 02 May 2025, 06:54 PM
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केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( AI ) का नैतिकता के साथ उपयोग और साझा मानकों की जरूरत पर जोर दिया है । वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंटरटेनमेंट समिट (WAVES) के तहत आयोजित ‘ग्लोबल मीडिया डायलॉग’ में उन्होने कहा कि , AI जैसी तकनीकों के बढ़ते प्रभाव को समझने और नियंत्रित करने के लिए स्पष्ट, साझा और नैतिक नियमों की सख्त जरूरत है ।

उन्होने कहा कि तकनीक को मानवीय बनाना जरूरी है । भारत ऐसी नीतियाँ बनाने के पक्ष में है, जो तकनीक को मानवता की सेवा में लगाएं, न कि उसे समाज में असमानता या भ्रम का कारण बनने दे ।विदेश मंत्री एस जयशंकर, सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन और कई देशों के प्रतिनिधि भी इस मौके पर मौजूद थे ।

'संवाद के तीन स्तंभ-रचनात्मकता, संस्कृति और सहयोग'

सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि तकनीक आज के समय में न सिर्फ कंटेंट बनाने के तरीके को बदल रही है, बल्कि लोग उसे कैसे देखते और समझते हैं, उस पर भी गहरा असर डाल रही है।

उन्होंने बताया कि संवाद तीन प्रमुख चीजों पर टिका होता है — रचनात्मकता, संस्कृति और सहयोग।

 रचनात्मकता (Creativity)

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रचनात्मकता ही कल्पनाओं को हकीकत में बदलती है। सरकार की जिम्मेदारी है कि वह हर किसी को अपनी कहानी दुनिया तक पहुँचाने का अवसर दे। हमें लोकल कंटेंट को बढ़ावा देना चाहिए और रचनात्मकता को सुरक्षित रखने के लिए बौद्धिक संपदा के अधिकारों की सही तरीके से रक्षा करनी चाहिए।

 संस्कृति (Culture)

सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा कि संस्कृति हमारी रचनात्मकता को प्रेरित करती है और अलग-अलग देशों और लोगों को जोड़ने का काम करती है। इसलिए हमें ऐसी नीतियाँ बनानी चाहिए जो हर तरह की सांस्कृतिक विरासत को बचाएं और उसे आगे बढ़ाएं । उन्होने कहा कि आज के समय में स्थानीय कहानियों और सांस्कृतिक विविधताओं की ओर ध्यान बढ़ रहा है। इसलिए, ऐसी नीतियाँ बनानी जरूरी हैं जो हर तरह की संस्कृति को बचाएं और उसे आगे बढ़ाएं। इससे लोगों और देशों के बीच संबंध भी मजबूत होते हैं।

सहयोग (Collaboration)

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज के दौर में अकेले कुछ भी संभव नहीं है। सबको मिलकर काम करना होगा — चाहे वो सरकारें हों, उद्योग जगत हो या कंटेंट बनाने वाले लोग । मिलकर काम करने से ही बड़ी सफलता मिलती है ।
उन्होंने कहा कि, "सरकार, इंडस्ट्री और कंटेंट क्रिएटर्स के बीच सहयोग अब विकल्प नहीं रहा बल्कि अब यह जरूरी हो गया है । हमें को-प्रोडक्शन ट्रीटी जैसे व्यावहारिक उपायों की जरूरत है, जिससे लाइसेंसिंग और टैलेंट मूवमेंट आसान हो सके। 

मीडिया का असली मूल्य संवाद में निहित 

सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया और मनोरंजन उद्योग की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वैश्विक मीडिया और मनोरंजन उद्योग का मूल्य लगभग 3 ट्रिलियन डॉलर है । परन्तु "इसका असली मूल्य उस सहानुभूति में निहित है जो यह पैदा करता है, उन विचारों में जो यह व्यक्त करता है, और भविष्य में जो यह हमें कल्पना करने में मदद करता है।"

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि एक सरकार के रूप में, हमें सभी को अपनी कहानी दुनिया के सामने पेश करने का उचित अवसर प्रदान करना चाहिए । 

सूचना और प्रसारण मंत्री ने बताया कि WAVES मीडिया घोषणापत्र का एक मसौदा भाग लेने वाले देशों के साथ साझा किया गया है । इसमें इसमें साझा लक्ष्य, डिजिटल विभाजन को पाटना, सांस्कृतिक विविधता को संरक्षित करना और निष्पक्ष तथा अभिनव बाजारों को बढ़ावा देने  के लिए एक सामूहिक दृष्टिकोण को रेखांकित किया गया है। यह घोषणापत्र WAVES 2025 के परिणामों में से एक है, जिसमें 90 से अधिक देश, 10,000 प्रतिनिधि और 1,000 से अधिक रचनाकार शामिल हुए हैं।