गुजरात के अहमदाबाद में हुए भयावह विमान हादसे के बाद जांच एजेंसियों को बड़ी सफलता मिली है। गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने शुक्रवार को दुर्घटनाग्रस्त एयर इंडिया फ्लाइट के मलबे से डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR) और ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया है। ये दोनों उपकरण विमान हादसे की असली वजह जानने में अहम भूमिका निभाएंगे।
गुरुवार को लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरते ही एयर इंडिया का 'बोइंग 787 ड्रीमलाइनर' विमान रनवे से टेकऑफ करने के तुरंत बाद क्रैश हो गया। विमान शहर के पास स्थित एक आवासीय परिसर और बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर जा गिरा। हादसे में 265 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 24 मेडिकल छात्र भी शामिल थे।
अगले ही दिन, घटनास्थल पर सघन तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें एटीएस को ब्लैक बॉक्स और DVR जैसे महत्वपूर्ण रिकॉर्डिंग उपकरण मिले।
क्या है DVR और क्यों है ज़रूरी?
ATS के एक अधिकारी ने बताया कि बरामद DVR एअर इंडिया विमान के मलबे के बीच पाया गया, जो उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। DVR को अब फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) द्वारा जांचा जाएगा।
DVR (डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर) में आमतौर पर फ्लाइट के सुरक्षा कैमरों द्वारा रिकॉर्ड किए गए विज़ुअल फुटेज होते हैं। इससे विमान के अंदर की गतिविधियों और आखिरी लम्हों में यात्रियों या क्रू के व्यवहार का विश्लेषण किया जा सकता है।
ब्लैक बॉक्स, जिसे फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर (CVR) कहा जाता है, उड़ान के दौरान विमान की तकनीकी स्थिति और पायलटों की बातचीत रिकॉर्ड करता है। इसमें फ्लाइट की गति, ऊंचाई, इंजन का थ्रस्ट, ऑटोपायलट की स्थिति, और कई सेंसर डेटा सुरक्षित होते हैं।
ये रिकॉर्डर खास तरह से बनाए जाते हैं ताकि भीषण दुर्घटनाओं में भी उनका डेटा सुरक्षित रह सके। इससे जांच एजेंसियों को ये समझने में मदद मिलती है कि विमान में तकनीकी खराबी थी, मानवीय चूक हुई या कोई और कारण हादसे की वजह बना।
अब जब DVR और ब्लैक बॉक्स मिल चुके हैं, तो नागरिक विमानन महानिदेशालय (DGCA) और एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की टीमें इन उपकरणों का डेटा विश्लेषण करेंगी। इसमें हफ्तों या महीनों का वक्त लग सकता है, लेकिन इससे दुर्घटना की असल वजह सामने आने की पूरी संभावना है।
हादसे में मारे गए यात्रियों का ब्योरा
AI-171 फ्लाइट में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें:
169 भारतीय नागरिक
53 ब्रिटिश नागरिक
7 पुर्तगाली नागरिक
1 कनाडाई नागरिक के अलावा 12 क्रू मेंबर भी शामिल थे। इनमें से 241 की मौत हो चुकी है, जबकि केवल एक यात्री रमेश विश्वास कुमार बच पाए।