भारत द्वारा हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और POK में की गई सख्त कार्रवाई के बाद सीमाओं पर तनाव और बढ़ गया है। ऐसे हालातों में भारतीय सेनाएं पूरी तरह से तैयार हैं, लेकिन हर आम नागरिक का भी यह कर्तव्य है कि वह देश की सुरक्षा में सहयोग दे। खासकर जब हर किसी के पास स्मार्टफोन हो, तो जिम्मेदार डिजिटल व्यवहार बेहद जरूरी हो जाता है। नीचे कुछ जरूरी सावधानियां दी जा रही हैं जिन्हें अपनाकर आप देश की रक्षा में परोक्ष रूप से मदद कर सकते हैं।
1. सैन्य गतिविधियों की फोटो या वीडियो शेयर न करें
सेना की गतिविधियों को सोशल मीडिया पर शेयर करना एक गंभीर सुरक्षा खतरा बन सकता है।
पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने नागरिकों से अपील की थी कि किसी सैन्य टुकड़ी, वाहन या मूवमेंट की तस्वीर या वीडियो शेयर न करें। इससे दुश्मन देश को खुफिया जानकारी मिल सकती है। अनजाने में भी ऐसा न करें क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है।
2. फोन की लोकेशन (GPS) बंद रखें
GPS ऑन रहने से आपकी लोकेशन ट्रैक की जा सकती है।
तनाव या युद्ध की स्थिति में GPS चालू रखने से आप और आसपास के लोग खतरे में आ सकते हैं। अगर आप किसी सुरक्षित स्थान पर हैं, जैसे कि बंकर या सुरक्षित शिविर, तो GPS चालू होने पर आपकी लोकेशन लीक हो सकती है। ऐसी स्थिति में तुरंत लोकेशन बंद कर दें।
3. अनजान लिंक या मैसेज पर क्लिक न करें
साइबर हमले का खतरा इन हालातों में काफी बढ़ जाता है।
पाकिस्तान जैसे देश तनाव की स्थिति में फिशिंग लिंक, वायरस और ट्रैकिंग टूल्स के माध्यम से आम लोगों के डेटा और डिवाइस को निशाना बना सकते हैं।
किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले सोचें—क्या यह सुरक्षित है? क्या यह भरोसेमंद स्रोत से आया है?
खासतौर पर "जानिए कहां हमला हुआ" जैसे संदेशों से सावधान रहें।
4. फेक न्यूज से बचें और दूसरों को भी बचाएं
फर्जी खबरें अफरा-तफरी और दहशत फैलाती हैं।
किसी भी खबर को शेयर करने से पहले फैक्ट-चेक जरूर करें।
गूगल रिवर्स इमेज सर्च या प्रतिष्ठित फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट्स जैसे Alt News, BOOM, Factly आदि की मदद लें।
अगर कोई अफवाह फैला रहा है, तो उसे शालीनता से समझाएं या उस ग्रुप को रिपोर्ट करें।
5. सोशल मीडिया पर प्रोपेगेंडा से सावधान रहें
प्रोपेगेंडा यानी गलत जानकारी फैलाकर लोगों को भड़काना।
अगर आप किसी गलत जानकारी को पहचानते हैं, तो उसका सही तथ्यात्मक जवाब दें लेकिन ध्यान रहे कि आप खुद भी भड़काऊ भाषा या बहस में न उलझें।
आपका उद्देश्य होना चाहिए – सच दिखाना, न कि झगड़ा बढ़ाना।