वडनगर में योग मुद्रा में मिला 1200 साल पुराना कंकाल, DNA टेस्ट हुआ तो सभी रह गए हैरान

Authored By: News Corridors Desk | 27 Mar 2025, 01:52 PM
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गुजरात के वडनगर में हाल ही में 1,200 वर्ष पुराना एक कंकाल मिला है, जो योग मुद्रा में स्थित था। इस अद्भुत खोज ने इतिहासकारों और विज्ञानियों के बीच उत्सुकता बढ़ा दी है। इस कंकाल का डीएनए परीक्षण बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान, लखनऊ में वरिष्ठ डीएनए विज्ञानी डॉ. नीरज राय के नेतृत्व में किया गया।

परीक्षण से यह पता चला कि वडनगर हजारों वर्षों से मानव बसावट का केंद्र बना हुआ है। यह न केवल एक प्रमुख बौद्ध अध्ययन केंद्र था, बल्कि व्यापारिक गतिविधियों के लिए भी प्रसिद्ध था। इस नगर की खासियत यह भी है कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्मस्थान है।

एएसआई का पुरातात्विक उत्खनन

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) पिछले 10 वर्षों से वडनगर में उत्खनन कार्य कर रहा है। इस दौरान कई प्राचीन कंकाल मिले हैं, जिनकी उम्र 1,200 से 2,000 वर्ष के बीच आंकी गई है। इनमें से कुछ कंकाल स्थानीय लोगों के हैं, जबकि कुछ अन्य प्रदेशों और सेंट्रल एशिया से आए लोगों के हैं।

योग मुद्रा में मिले कंकाल से यह संकेत मिलता है कि यह क्षेत्र कभी बौद्ध धर्म और योग साधना का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा होगा। इस खोज से यह भी स्पष्ट होता है कि वडनगर एक सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों का केंद्र था, जहां दूर-दराज से लोग आकर बसते थे।

डीएनए परीक्षण के रोचक निष्कर्ष

डॉ. नीरज राय और उनकी टीम द्वारा किए गए डीएनए परीक्षण में पाया गया कि सबसे अधिक डीएनए दांत और कान की हड्डी के पास से प्राप्त हुआ।

एक 2,000 साल पुराना महिला का कंकाल भी इस उत्खनन में मिला है।

डीएनए परीक्षण से यह पता चला कि यहाँ भारत के विभिन्न राज्यों और सेंट्रल एशिया के लोगों का आवागमन होता था।

कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक परीक्षण

वैज्ञानिकों द्वारा कंकाल की कार्बन डेटिंग और अन्य महत्वपूर्ण परीक्षण किए जा रहे हैं। इन परीक्षणों की विस्तृत रिपोर्ट अगले एक महीने में आने की उम्मीद है। यह खोज भारतीय इतिहास की समझ को और गहरा करने में सहायक होगी।

डॉ. नीरज राय के अनुसार, भारतीय जलवायु में इंसानी कंकाल में डीएनए तीन से चार हजार वर्षों तक संरक्षित रह सकता है।

ठंडी जलवायु वाले क्षेत्रों में, जैसे साइबेरिया, डीएनए दस लाख साल तक भी संरक्षित रह सकता है।

हर व्यक्ति के डीएनए में कुछ विशेष जीन मार्कर होते हैं, जो पीढ़ी दर पीढ़ी स्थानांतरित होते रहते हैं।

समय के साथ डीएनए में छोटे-छोटे परिवर्तन (म्यूटेशन) होते रहते हैं।

95% डीएनए सभी मनुष्यों में समान होता है, जबकि केवल 5% डीएनए यह पहचानने में मदद करता है कि व्यक्ति किस समूह या भौगोलिक क्षेत्र से जुड़ा था।

वडनगर में मिले इस योग मुद्रा वाले कंकाल की खोज भारतीय इतिहास की एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकती है। इस अध्ययन से न केवल प्राचीन समाज की जीवनशैली के बारे में नई जानकारियाँ प्राप्त होंगी, बल्कि इससे भारतीय सभ्यता के विकास और बाहरी संपर्कों के बारे में भी अहम तथ्य उजागर हो सकते हैं।