आप भी जान लीजिए , पुराने कानून में संशोधन से वक्फ में क्या-क्या बदलेगा...

Authored By: News Corridors Desk | 02 Apr 2025, 04:48 PM
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देश की संसद में वक़्फ़ संशोधन विधेयक 2025 पेश हुआ तो इसे अलग-अलग राजनीतिक चश्मे से देखा गया ।  लेकिन केंद्र सरकार का कहना है कि बिल का उदेश्य  मुस्लिमों के हितों की रक्षा और उनकी संपत्तियों का सही-सही बँटवारा सुनिश्चित करना है । वक़्फ़ की संपत्तियों को लेकर जो भेदभाव वाली नीति चलती आ रही है, उस पर रोक लगाकर पिछड़े वर्ग के मुस्लिमों को उनका हक़ दिलाना है । 

संशोधन से वक़्फ़ में क्या बदलेगा ? 

वक्फ कानून में प्रस्तावित बदलाव के बाद कई चीजें बदल जाएंगी जिसके बड़े फ़ायदे गिनाए जा रहे हैं । इन बदलावों के बाद वक्फ प्रशासन में समावेशिता को बढ़ाने के लिए स्पष्ट नीति होगी । वक्फ बोर्डों में कार्यात्मक औकाफ वाले बोहरा और आगाखानी समुदायों को प्रतिनिधित्व मिलेगा । आगाखानी और बोहरा समुदायों के लिए अलग बोर्ड होगा जिसके जरिए वो अपनी वक़्फ़ संपत्तियों की प्रभावी ढंग से देखरेख कर सकेंगे । 

वक्फ बोर्ड में शिया और सुन्नी सदस्यों के साथ पिछड़े वर्गों के मुसलमानों को भी  प्रतिनिधित्व मिलेगा । वक्फ मामलों में स्थानीय शासन को मजबूत करने के लिए नगर पालिकाओं या पंचायतों से दो या अधिक निर्वाचित सदस्य बनेंगे । 

केंद्रीय वक्फ परिषद और वक्फ बोर्ड में दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल किया जाएगा ।  गैर-मुसलमानों को हितधारक के रूप में मान्यता मिलेगी, गैर-मुस्लिम लाभार्थी, विवादों में पक्षकार या दाता होंगे । 

गैर-मुसलमानों को कानूनी, वित्तीय और प्रशासनिक मामलों में विशेषज्ञ के रूप में योगदान करने की अनुमति मिलेगी । वक्फ प्रशासन में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा, वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में कम से कम दो महिला सदस्य होंगी  । महिला नेतृत्व वाली समितियों का गठन होगा और वक्फ द्वारा वित्त पोषित शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम में हिस्सेदारी बढ़ेगी । 

ये सारे बदलाव मुस्लिमों के हितों में किए जा रहे है । इससे वक्फ प्रशासन में सुधार आएगा, हितधारकों की भागीदारी बढ़ेगी और विश्वसनीयता का संकट ख़त्म होगा ।   वक्फ संपत्तियों के बेहतर इस्तेमाल से अस्पताल, स्कूल, कॉलेज और अनाथालय जैसी संस्थाओं की स्थापना होगी और गरीबों के कल्याण और उत्थान में वक़्फ़ की भूमिका बढ़ेगी ।