संसद का मॉनसून सत्र सोमवार यानि 21 जुलाई से शुरू हो रहा है । इसको लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हैं । विपक्ष सदन में पहलगाम में हुए आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर,बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन और मणिपुर में बिगड़े हालात सहित कई मुद्दों पर सदन में चर्चा की मांग कर रहा है । ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या संसद का सत्र शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो पाएगा या फिर हंगामे की भेंट चढ़ जाएगा ।
रविवार को इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक पार्टियों की बैठक हुई जिसमें मॉनसून सत्र के दौरान संसद की कार्यवाही को सुचारू रुप से चलाने को लेकर विचार-विमर्श हुआ । करीब डेढ़ घंटे तक चली बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मीडिया को बताया कि सरकार हर जरूरी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है यदि वह संसद के नियमों और परंपराओं के तहत हो ।
सरकार और विपक्ष के बीच बनी सहमति
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि सरकार की कोशिश है कि संसद में सभी दलों की आवाज़ सुनी जाए और सदन की कार्यवाही बिना रुकावट चले। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही सरकार और विपक्ष की सोच अलग हो, लेकिन संसद को सुचारू रूप से चलाना सभी राजनैतिक दलों की साझा जिम्मेदारी है।
इस बैठक में 51 राजनीतिक दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया, जिनमें से 40 सांसदों ने अपनी-अपनी पार्टी की तरफ से अपनी राय सामने रखी । सभी नेताओं ने खुलकर अपनी पार्टी के मुद्दे बताए, जिन पर वे संसद में चर्चा चाहते हैं।
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए सरकार तैयार
सरकार ने कहा कि वह ऑपरेशन सिंदूर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है । साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के हालिया बयानों पर भी संसद में जवाब दिया जाएगा । विपक्ष ने इन संवेदनशील मामलों पर प्रधानमंत्री के संसद में मौजूद रहने की मांग की है । इस बारे में किरेन रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री सदन की कार्यवाही के दौरान संसद परिसर में मौजूद रहते हैं, भले ही वे हर बहस में सीधे हिस्सा न लें ।
महाभियोग प्रस्ताव: जस्टिस वर्मा के मामले में आगे बढ़ेगी प्रक्रिया ?
एक और बड़ा मुद्दा है मॉनसून सत्र के शुरू होने से पहले जिसको लेकर काफी चर्चा हो रही है । वह मुद्दा है जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग का मामला । इसे बारे में पूछने पर किरेन रिजिजू ने कहा कि इस प्रस्ताव के लिए अब तक 100 से ज्यादा सांसदों के हस्ताक्षर हो चुके हैं। इस प्रक्रिया में सिर्फ सरकार की नहीं बल्कि सभी राजनीतिक दलों की भूमिका जरूरी है । उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में नियमों और प्रक्रियाओं के अनुसार ही आगे बढ़ेगी ।
बता दें कि जस्टिस वर्मा के घर से भारी मात्रा में नकदी और जले हुए नोट मिलने के बाद विपक्ष लगातार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है।
संसद में सभी को मिलेगा बोलने का मौका
संसदीय कार्यमंत्री रिजिजू ने कहा कि यह सुनिश्चिक करने की कोशिश की जाएगी कि सदन में सभी दलों को बोलने का पर्याप्त मौका मिल सके । उन्होंने माना कि कई छोटे दलों के पास केवल 1 या 2 सांसद होते हैं, और उन्हें संसद में बोलने का कम समय मिल पाता है। सरकार ने यह तय किया है कि ऐसे दलों को भी पर्याप्त समय मिलेगा। यह प्रस्ताव लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति के सामने रखा जाएगा, ताकि सभी को बोलने का समान अवसर मिले।
संसद में 17 विधेयक पेश किए जाने सी संभावना
सरकार इस सत्र में 17 विधेयक पेश करने की योजना बना रही है। किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार विपक्ष के सवालों के जवाब खुले दिल से देगी, लेकिन हर चर्चा संसद के नियमों के अनुसार ही होगी। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि हर सवाल का जवाब बाहर नहीं, सदन के भीतर दिया जाएगा।