AI से सशक्त बनेंगे यूपी के विधायक,सत्र से एक दिन पहले ट्रेनिंग देंगे IIT कानपुर के विशेषज्ञ

Authored By: News Corridors Desk | 09 Aug 2025, 07:21 PM
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आज की बदलती दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक ऐसी तकनीक बन चुकी है, जो काम को न सिर्फ तेजी से निपटाती है बल्कि सूचनाओं के बेहतर विश्लेषण में भी मदद करती है । सामान्य जीवन के साथ-साथ प्रशासन और नीति-निर्माण में भी इसकी भूमिका लगातार बढ़ रही है । 

इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा में एक नई पहल की शुरुआत हो रही है। 11 अगस्त को मॉनसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले यानि 10 अगस्त को विधायकों को AI की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। यह प्रशिक्षण IIT कानपुर के विशेषज्ञ देंगे, जिसमें जनप्रतिनिधियों को बताया जाएगा कि वे AI का उपयोग अपने विधायी कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने में कैसे कर सकते हैं ।

यह कदम AI तकनीक के तेजी से बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए उठाया गया है, ताकि जनप्रतिनिधि भी डिजिटल दौर की जरूरतों को समझ सकें और अपने काम में इसका बेहतर इस्तेमाल कर सकें । दो घंटे की इस ट्रेनिंग में AI की बुनियादी जानकारी, इसके काम करने और इसके इस्तेमाल के तरीकों के बारे में बताया जाएगा । 

इसके साथ ही IIT कानपुर के विशेषज्ञ विधायकों को यह भी बताएंगे कि शासन-प्रशासन के प्रमुख क्षेत्रों और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में इसकी क्या भूमिका हो सकती है और इससे कितना फायदा उठाया जा सकता है । AI की चुनौतियों के बारे में भी ट्रेनिंग सेशन के दौरान चर्चा होगी । 

क्या-क्या सीखेंगे विधायक ?

इस ट्रेनिंग के दौरान विधायकों को यह सिखाया जाएगा कि वे AI टूल्स की मदद से किस तरह कोई बिल ड्राफ्ट कर सकते हैं, कानून से जुड़ी जटिलताओं को पहचान सकते हैं, और जनता की राय इकट्ठा करने के आधुनिक तरीके अपना सकते हैं। इसके साथ ही वे दूसरे राज्यों और देशों के कानूनों से कैसे तुलना कर सकते हैं । AI की मदद से विधायकों को यह अनुमान लगाने में भी मदद मिलेगी कि कोई प्रस्तावित कानून समाज, अर्थव्यवस्था और रोजगार पर किस तरह असर डालेगा। 

विधानसभा और ऐप में भी आएगा बदलाव

इस पहल के तहत विधानसभा का मोबाइल ऐप भी अब AI आधारित बनाया जा रहा है। इससे विधायक जल्दी और आसानी से जरूरी जानकारी हासिल कर सकेंगे । इस ऐप के जरिए वे सरकारी परियोजनाओं की प्रगति और खर्च की रियल-टाइम निगरानी भी कर सकेंगे। विधानसभा के अधिकारियों का मानना है कि भविष्य में विधानसभा से जुड़े कई और कामों को भी AI से जोड़ा जाएगा, ताकि पारदर्शिता, कार्यकुशलता और तकनीकी क्षमता को बढ़ावा मिले ।