"पूरा विश्व, आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में, 140 करोड़ भारतीयों के साथ खड़ा है । मैं पीड़ित परिवारों को फिर भरोसा देता हूँ कि उन्हें न्याय मिलेगा, न्याय मिलकर रहेगा । इस हमले के दोषियों और साजिश रचने वालों को कठोरतम जवाब दिया जाएगा। "
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले पर देश की जनता को भरोसा दिलाते हुए ये बातें कही हैं । प्रधानमंत्री रविवार की सुबह 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देशवासियों से रूबरू हो रहे थे ।
पीएम मोदी ने कहा कि, " ऐसे समय में जब कश्मीर में शांति लौट रही थी, स्कूल-कॉलेजों में एक वाइब्रेंसी थी, निर्माण कार्यों में अभूतपूर्व गति आई थी, लोकतंत्र मजबूत हो रहा था, पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हो रही थी, लोगों की कमाई बढ़ रही थी, युवाओं के लिए नए अवसर तैयार हो रहे थे । देश के दुश्मनों को, जम्मू-कश्मीर के दुश्मनों को, ये रास नहीं आया । आतंकी और आतंक के आका चाहते हैं, कश्मीर फिर से तबाह हो जाए और इसलिए इतनी बड़ी साजिश को अंजाम दिया । "
'हर भारतीय का खून खौल रहा है ...'

प्रधानमंत्री ने कहा कि, आतंकी हमले की तस्वीरों को देखकर हर भारतीय का खून खौल रहा है । ऐसे वक्त में देशवासियों की एकजूटता को सबसे बड़ी ताकत बताते हुए उन्होने कहा कि यही एकता, आतंकवाद के खिलाफ हमारी निर्णायक लड़ाई का आधार है। हमें देश के सामने आई इस चुनौती का सामना करने के लिए अपने संकल्पों को मजबूत करना है । हमें एक राष्ट्र के रूप में दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करना है।
पहलगाम हमले से दुनिया भर में आक्रोश - पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, "हम लोगों में जो आक्रोश है, वो आक्रोश पूरी दुनिया में है । इस आतंकी हमले के बाद लगातार दुनिया-भर से संवेदनाएं आ रही हैं । मुझे भी ग्लोबल लीडर्स ने फोन किए हैं, पत्र लिखे हैं, संदेश भेजे हैं । इस जघन्य तरीके से किए गए आतंकी हमले की सब ने कठोर निंदा की है।
उन्होंने मृतकों के परिवारजनों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की हैं । पूरा विश्व, आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में, 140 करोड़ भारतीयों के साथ खड़ा है । मैं पीड़ित परिवारों को फिर भरोसा देता हूँ कि उन्हें न्याय मिलेगा, न्याय मिलकर रहेगा। इस हमले के दोषियों और साजिश रचने वालों को कठोरतम जवाब दिया जाएगा ।"
महान वैज्ञानिक डॉ० के. कस्तूरीरंगन को श्रद्धांजलि
'मन की बात ' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने देश के महान वैज्ञानिक डॉ० के. कस्तूरीरंगन के अमूल्य योगदानों की भी चर्चा की और उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित की । डॉ० के. कस्तूरीरंगन का दो दिन पहले स्वर्गवास हो गया ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विज्ञान, शिक्षा और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाई देने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके नेतृत्व में ISRO को एक नई पहचान मिली । उनके मार्गदर्शन में जो स्पेस प्रोग्राम में आगे बढ़े, उससे भारत के प्रयासों को वैश्विक मान्यता मिली ।
पीएम मोदी ने कहा कि, आज भारत जिन सैटैलाइट्स का उपयोग करता है, उनमें से कई डॉ० कस्तूरीरंगन की देखरेख में ही लॉन्च की गई थी । उनके व्यक्तित्व का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि डॉ० कस्तूरीरंगन हमेंशा इनोवेशन को महत्व दिया । कुछ नया सीखने, जानने और नया करने का उनका विजन बहुत प्रेरित करने वाला है ।
डॉ० के. कस्तूरीरंगन जी ने देश की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार करने में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी । डॉ० कस्तूरीरंगन, 21वीं सदी की आधुनिक जरूरतों के मुताबिक Forward Looking Education का विचार लेकर आए थे ।
देशवासियों की कई उपलब्धियों का जिक्र
प्रघानमंत्री ने 'मन की बात ' कार्यक्रम में देश और देशवासियों की कई उपलब्धियों का जिक्र किया । आर्यभट्ट सैटेलाइट की लॉन्चिंग के 50 वर्ष पूरे हुए हैं । इस मौके पर उन्होंने भारतीय स्पेस मिशन के 50 वर्षों की इस यात्रा को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष में भारत के सपनों की ये उड़ान एक समय केवल हौंसलों से शुरू हुई थी । हमारे युवा वैज्ञानिकों के पास सबसे बड़ा संसाधन राष्ट्र के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा था । उनकी प्रतिभा, लगन, मेहनत और राष्ट्र सेवा की भावना का नतीजा है कि आज इतना कुछ बदल गया है । आज भारत एक ग्लौबल स्पेस पावर बन चुका है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले महीने म्यांमार में आए भूकंप का जिक्र करते हुए कहा कि किसी भी तरह की मानवीय त्रासदी में भारत हमेंशा मदद के लिए तत्पर रहता है । उन्होंने कहा कि भारतीय जवानों ने न सिर्फ बढ़-चढञ कर राहत और बचाव कार्यों में हिस्सा लिया बल्कि म्यांनमार के लोगों का दिल भी जीता ।