दिल्ली के एक पॉश इलाके वसंत कुंज में एक मैनेजमेंट संस्थान की आड़ में चल रहा था एक ऐसा खेल, जिसने न सिर्फ शिक्षा के मंदिर को शर्मसार किया, बल्कि समाज को भी झकझोर कर रख दिया। भगवा वस्त्र, रुद्राक्ष की माला और मैनेजमेंट गुरु की छवि के पीछे छिपा था एक ऐसा शख्स, जिसने मासूम छात्राओं की जिंदगी को नर्क बना दिया। जी हां, हम बात कर रहे हैं स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी की, जिसे दिल्ली पुलिस ने आखिरकार आगरा के एक होटल से धर दबोचा। आइए, इस सनसनीखेज मामले की तह तक जाते हैं और जानते हैं कि कैसे इस ‘ढोंगी बाबा’ का काला चिट्ठा खुला और पुलिस ने उसे कैसे गिरफ्तार किया।
कौन है स्वामी चैतन्यानंद?
स्वामी चैतन्यानंद, जो खुद को शिकागो बूथ यूनिवर्सिटी से पढ़ा-लिखा मैनेजमेंट गुरु और आध्यात्मिक संत बताता था, दिल्ली के श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट एंड रिसर्च (SRISIIM) का चांसलर और डायरेक्टर था। उसने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) की छात्राओं को निशाना बनाया, जो स्कॉलरशिप के तहत संस्थान में पढ़ने आई थीं।
कैसे शुरू हुआ मामला?
यह सनसनीखेज मामला तब सामने आया, जब 28 जुलाई 2025 को एक पूर्व छात्रा ने संस्थान को पत्र लिखकर चैतन्यानंद की करतूतों का खुलासा किया। इसके बाद 1 अगस्त को भारतीय वायु सेना के एक ग्रुप कैप्टन ने भी संस्थान को ईमेल भेजकर छात्राओं के शोषण की शिकायत की। इन शिकायतों के बाद संस्थान की गवर्निंग काउंसिल ने 3 अगस्त को 30 से ज्यादा छात्राओं के साथ एक वर्चुअल मीटिंग की, जहां 17 छात्राओं ने हिम्मत दिखाते हुए चैतन्यानंद पर यौन शोषण, छेड़छाड़, अश्लील मैसेज भेजने और जबरन शारीरिक संबंध बनाने जैसे संगीन आरोप लगाए। छात्राओं ने बताया कि चैतन्यानंद उन्हें देर रात अपने क्वार्टर में बुलाता था और विरोध करने पर परीक्षा में फेल करने या स्कॉलरशिप रद्द करने की धमकी देता था। इतना ही नहीं, उसने संस्थान में अपने वफादारों का एक नेटवर्क बना रखा था, जिसमें कुछ महिला फैकल्टी और प्रशासनिक स्टाफ भी शामिल थे, जो छात्राओं पर उसकी मांगें मानने का दबाव डालते थे।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी
4 अगस्त 2025 को वसंत कुंज नॉर्थ पुलिस स्टेशन में चैतन्यानंद के खिलाफ पहली FIR दर्ज की गई। पुलिस ने BNS की धारा 75(2) (यौन शोषण), 79 (छेड़छाड़) और 351(2) (आपराधिक विश्वासघात) के तहत मामला दर्ज किया। इसके बाद चैतन्यानंद फरार हो गया और लगातार अपनी लोकेशन बदलता रहा। उसने मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का इस्तेमाल भी कम कर दिया, ताकि पुलिस उसे ट्रैक न कर सके।पुलिस ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और उत्तराखंड में छापेमारी शुरू की। आखिरी बार उसकी लोकेशन आगरा के पास ट्रैक हुई थी। खुफिया इनपुट के आधार पर दिल्ली पुलिस ने 27 सितंबर 2025 की देर रात आगरा के एक होटल में छापा मारा और चैतन्यानंद को गिरफ्तार कर लिया। उसे दिल्ली लाया गया, जहां वसंत कुंज पुलिस स्टेशन में उससे पूछताछ चल रही है। पुलिस आज उसे कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग करेगी।
चौंकाने वाले खुलासे
जांच में कई हैरान करने वाले तथ्य सामने आए हैं:
>फर्जी नंबर प्लेट: चैतन्यानंद के ठिकानों से एक वॉल्वो कार मिली, जिस पर फर्जी डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट (39 UN 1) लगी थी। इसके अलावा एक BMW कार भी जब्त की गई, जो उसने मार्च 2025 में खरीदी थी।
>पैसे का खेल: पुलिस ने चैतन्यानंद से जुड़े 18 बैंक खातों और 28 सावधि जमाओं में लगभग 8 करोड़ रुपये फ्रीज किए हैं। जांच में पता चला कि उसने संस्थान की संपत्तियों को निजी कंपनियों को किराए पर देकर करोड़ों का गबन किया।
>पुराना इतिहास: यह पहली बार नहीं है जब चैतन्यानंद पर ऐसे आरोप लगे। 2009 और 2016 में भी उस पर यौन शोषण के मामले दर्ज हुए थे, लेकिन रसूख के दम पर वह बच निकला था।
>संगठित अपराध: चैतन्यानंद ने संस्थान में अपने वफादारों का एक मजबूत नेटवर्क बना रखा था, जो उसके गलत कामों में उसका साथ देता था। पुलिस अब इस नेटवर्क की भी जांच कर रही है।
छात्राओं की हिम्मत और 𝗡𝗖𝗪 का हस्तक्षेप
इस मामले में छात्राओं की एकजुटता और हिम्मत ने अहम भूमिका निभाई। उनकी शिकायतों के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने दिल्ली पुलिस को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। दिल्ली की एक अदालत ने चैतन्यानंद की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी, जिसमें कोर्ट ने कहा कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को पूछताछ के लिए उसकी हिरासत जरूरी है।
संस्थान और समाज के लिए सबक
श्री शारदा इंस्टीट्यूट और कर्नाटक के श्रृंगेरी मठ ने चैतन्यानंद को अपने सभी पदों से हटा दिया और उससे सारे संबंध तोड़ लिए। इस मामले ने शैक्षणिक संस्थानों में छात्राओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। यह घटना एक चेतावनी है कि शिक्षा के मंदिरों में ऐसी दरिंदगी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
मामले में अब आगे क्या?
दिल्ली पुलिस अब चैतन्यानंद से गहन पूछताछ कर रही है और उसके सहयोगियों की भूमिका की भी जांच कर रही है। पुलिस जल्द ही इस मामले में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकती है, जिसमें और भी खुलासे होने की उम्मीद है। पीड़ित छात्राओं को न्याय दिलाने के लिए पुलिस और कोर्ट की कार्रवाई पर सबकी नजरें टिकी हैं।यह मामला न सिर्फ एक व्यक्ति की काली करतूतों को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे सत्ता और रसूख के दम पर कुछ लोग लंबे समय तक कानून को ठेंगा दिखाते रहते हैं। लेकिन इस बार, छात्राओं की हिम्मत और पुलिस की मुस्तैदी ने इस ‘ढोंगी बाबा’ को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।