बहुप्रतीक्षित बुलेट ट्रेन भले ही अभी पटरियों पर न दौड़ रही हो, लेकिन इसकी आहट स्पष्ट रुप से सुनाई दे रही है । रेलवे मिशन मोड मे है । मुंबई से अहमदाबाद के बीच भारत की पहली हाई-स्पीड रेल लाइन पर काम पूरी रफ्तार के साथ चल रहा है और गुजरात सेक्शन में तो निर्माण कार्य अब अंतिम दौर में पहुंच चुका है ।
मुंबई-अहमदाबाद का सफर, जो कभी 6-7 घंटों में पूरा होता था,अब कुछ ही महीनों में दो घंटे सात मिनट की रफ्तार में बदलने वाला है। यह प्रोजेक्ट रेलवे की सबसे महत्वकांक्षी परियोजनाओं में से है । रेल मंत्रालय ने हाल ही में बताया कि इस कॉरिडोर पर काम तयशुदा समयसीमा के भीतर पूरा करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
दो घंटे में मुंबई से अहमदाबाद
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में भावनगर टर्मिनस पर आयोजित एक कार्यक्रम में जानकारी दी कि मुंबई और अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन सेवा जल्द शुरू होने वाली है । इस सेवा के शुरू होने के बाद इन दोनों महानगरों के बीच यात्रा का समय घटकर महज़ दो घंटे सात मिनट रह जाएगा। वर्तमान में यह सफर साढ़े छह से आठ घंटे में तय होता है। यानी यात्रियों को न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि आरामदायक,सुरक्षित और विश्वस्तरीय रेल सफर का अनुभव भी मिलेगा।
2027 तक पूरा हो जाएगा गुजरात सेक्शन पर काम
संसद में दिए गए एक लिखित उत्तर में रेल मंत्री ने बताया कि बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का गुजरात वाला हिस्सा यानी वापी से साबरमती तक का खंड दिसंबर 2027 तक बनकर तैयार हो जाएगा। वहीं, पूरा प्रोजेक्ट जिसमें महाराष्ट्र से लेकर गुजरात के अहमदाबाद और साबरमती तक का इलाका शामिल है,दिसंबर 2029 तक पूरा होने का लक्ष्य है। यह योजना न केवल भारत की पहली बुलेट ट्रेन को साकार करेगी, बल्कि भविष्य में अन्य हाई-स्पीड रेल परियोजनाओं के लिए भी आधार तैयार करेगी।
देश का पहला हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर
मुंबई से अहमदाबाद तक बनने वाली यह बुलेट ट्रेन लाइन कुल 508 किलोमीटर लंबी होगी और इसकी शुरुआत मुंबई के प्रमुख वाणिज्यिक केंद्र बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) से होगी। बुलेट ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 320 किमी प्रति घंटा होगी, जिससे यह देश की अब तक की सबसे तेज़ यात्री ट्रेन बन जाएगी। रास्ते में ट्रेन 12 स्टेशनों पर रुकेगी, जिनमें मुंबई, ठाणे, विरार, बोइसर, वापी, बिलीमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आणंद, अहमदाबाद और साबरमती शामिल हैं।
यह कॉरिडोर महाराष्ट्र, गुजरात और केंद्र शासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली से होकर गुज़रेगा। इस हाई-प्रोफाइल परियोजना की कुल लागत लगभग ₹1,08,000 करोड़ आँकी गई है। इसमें से 81 प्रतिशत फंडिंग जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) कर रही है । बाकी की राशि भारत सरकार और दोनों राज्य (महाराष्ट्र और गुजरात) मिलकर खर्च करेंगे