रेलवे अब अपने यात्रियों की सुरक्षा सिर्फ वर्दीधारी जवानों पर नहीं छोड़ रहा है, बल्कि अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि एआई को भी इस काम पर लगा दिया है । उसकी नजर अब हर प्लेटफॉर्म , हर चेहरे और हर संदिग्ध हरकत पर है,वो भी चौबीसो घंटे । प्लेटफॉर्म पर भले ही कितनी भी भीड़ क्यों न हो, AI की निगाहों से बचना मुश्किल है ।
पूर्व मध्य रेलवे ने बिहार और झारखंड के 21 व्यस्त और संवेदनशील स्टेशनों पर 112 AI से लैस फेस रिकग्निशन कैमरे लगाए हैं ,जो संदिग्धों या किसी भी वांछित व्यक्ति की तुरंत पहचान कर सुरक्षा बलों को अलर्ट भेजते हैं। इस नई प्रणाली की खास बात यह है कि यह केवल घटनाओं पर प्रतिक्रिया नहीं देती, बल्कि संभावित खतरों की पहले से पहचान कर सुरक्षा बलों को सतर्क कर देती है।
कैसे काम करेगा यह हाईटेक सिस्टम ?
स्टेशनों पर लगाए गए इन हाईटेक कैमरों की खासियत है कि यह हर आने-जाने वाले यात्री के चेहरे को स्कैन करता है और जैसे ही किसी व्यक्ति का चेहरा आपराधिक रिकॉर्ड से मेल खाता है, सिस्टम अलर्ट बीप के ज़रिए सुरक्षा कर्मियों को तुरंत सूचना भेजता है। इसका उद्देश्य यह है कि स्टेशन परिसर में किसी भी आपराधिक तत्व की मौजूदगी को शुरुआत में ही पहचान कर उसे रोका जा सके।
24x7 निगरानी के लिए 'वॉर रूम'
इस पूरे निगरानी सिस्टम को सिर्फ मशीनों के भरोसे नहीं छोड़ा गया है। एक विशेष ‘वॉर रूम’ की स्थापना की गई है, जहां पर हर कैमरे से आने वाला लाइव वीडियो और अलर्ट लगातार मॉनिटर किया जाता है। यह कमांड सेंटर रेलवे पुलिस और स्थानीय प्रशासन के साथ सीधे संपर्क में रहेगा, ताकि किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या घटना पर तुरंत एक्शन लिया जा सके। रेलवे के मुताबिक यह व्यवस्था दिन-रात लगातार काम करेगी ।
किन स्टेशनों को बनाया गया हाईटेक सुरक्षा जोन
ऐसे स्टेशन जहां भीड़ सबसे ज्यादा होती है, वहां खतरे की संभावना भी अधिक होती है। यही वजह है कि यह हाईटेक कैमरे उन्हीं स्टेशनों पर लगाए गए हैं जो सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील माने जाते हैं। बिहार में पटना जंक्शन, राजेंद्र नगर टर्मिनल, दानापुर, बिहारशरीफ, सासाराम, डेहरी ऑन सोन, दरभंगा, समस्तीपुर, हाजीपुर, सोनपुर, बेतिया और बरौनी जैसे स्टेशन शामिल हैं। झारखंड के कुछ प्रमुख स्टेशन भी इस निगरानी दायरे में लाए गए हैं। जानकारी के अनुसार, पटना जंक्शन और राजेंद्र नगर टर्मिनल पर कैमरे लगाने की प्रक्रिया अभी चल रही है और जल्द ही यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
निजता का पूरा ध्यान
इस हाईटेक सिस्टम को लागू करते वक्त यात्रियों की निजता (प्राइवेसी) का भी पूरा ख्याल रखा गया है। स्कैनिंग सिस्टम केवल उन्हीं चेहरों पर प्रतिक्रिया देता है जो पहले से अपराधी डेटाबेस में दर्ज हैं। आम यात्रियों के डेटा का कोई दुरुपयोग नहीं किया जाएगा। रेलवे के मुताबिक यह प्रणाली इतना प्रभावी और सुरक्षित है कि आने वाले समय में अन्य रेलवे ज़ोन भी इसे अपनाने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। रेलवे की इस डिजिटल और स्मार्ट निगरानी प्रणाली से ना सिर्फ अपराध और अपराधियों पर लगाम लगेगी बल्कि यात्रियों को ज्यादा सुरक्षित और भरोसेमंद रेल यात्रा का भी अनुभव मिलेगा ।