पीएम मोदी G-7 शिखर सम्मेलन में होंगे शामिल, कनाडा के पीएम कार्नी ने फोन कर दिया निमंत्रण

Authored By: News Corridors Desk | 06 Jun 2025, 08:41 PM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 51वें वार्षिक G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे । यह सम्मेलन 15 से 17 जून, 2025 तक कनाडा के अल्बर्टा के कनानैस्किस में आयोजित किया जाएगा । कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने फोन कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसके लिया निमंत्रण दिया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। 

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी । उन्होने एक्स पर लिखा, '"कनाडा के प्रधानमंत्री @MarkJCarney से फोन पर बात करके खुशी हुई ।  हाल ही में हुए चुनाव में उनकी जीत पर उन्हें बधाई दी और इस महीने के अंत में कनानसकीस में होने वाले G7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया ।' 

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि, ' गहरे जन-जन संबंधों से बंधे जीवंत लोकतंत्रों के रूप में, भारत और कनाडा आपसी सम्मान और साझा हितों के मार्गदर्शन में नए जोश के साथ मिलकर काम करेंगे । शिखर सम्मेलन में हमारी मुलाकात का बेसब्री से इंतजार है । '

दुनिया के सात सबसे धनी देशों का संगठन है G-7 

जी 7 यानि ग्रुप सेवन दुनिया के सात सबसे धनी देशों का संगठन है । इसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं । हर साल इनके शीर्ष नेताओं की बैठक होती है और अर्थव्यवस्था के अलावा भी अलग-अलग एजेंडे पर चर्चा होती है । 

यूरोपीय संघ भी चर्चाओं में भाग लेता है लेकिन वह इसका हिस्सा नहीं है । कई उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों के नेताओं को भी बतौर मेहमान इसमें आमंत्रित किया जाता है । हालांकि संगठन के नीतिगत फैसलों में सदस्यों के अलावा किसी का कोई दखल नहीं होता है । 

जी-7 साल 2014 के बाद बना । इससे पहले यह जी-8 हुआ करता था और तब इसमें रूस भी शामिल था ।  परन्तु साल 2014 में क्राइमिया पर कब्ज़े के बाद रूस को इस गुट से निकाल दिया गया । साल 2019 के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगातार इसमें मेहमान के तौर पर भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाता रहा है । इस बार शिखर सम्मेलन में विश्व शांति, सुरक्षा, मजबूत अर्थव्यवस्था और डिजिटल प्रौद्योगिकी में बदलाव जैसे कई मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा । 

मोदी-कार्नी मुलाकात से बेहतर होंगे भारत-कनाडा के रिश्ते ? 

जियो पॉलिटिक्स के कई जानकार भारत और कनाडा के प्रधानमंत्रियों की बातचीत को काफी अहम मान रहे हैं । ऐसा माना जा रहा है कि जब दोनों नेता आपस में मिलेंगे तो पिछले कुछ समय से दोनों देशों के रिश्ते में जमी बर्फ के पिघलने की शुरुआत हो सकती है । 

भारतऔर कनाडा के बीच  के सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध काफी पुराने हैं । हालांकि पिछले कुछ समय से इसमें काफी खटास आई है । इसकी शुरुआत सितंबर 2023 में उस वक्त हुई जब कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संलिप्तता के आरोप लगाए । तब भारत ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया था और आज भी अपने स्टैंड पर कायम है । 

हालांकि जांच में अब तक कुछ निकलकर सामने नहीं आया है जिससे भारत के पक्ष को और मजबूती मिली । इस घटना के बाद से कनाडा की ओर से काफी बयानबाजी हुई जिसने दोनों देशों के बीच तल्खी को काफी बढ़ा दिया । अब कनाडा में सरकार बदल चुकी है और नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने जिस तरह से पीएम मोदी को फोन कर जी-7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया है , उसके बाद संबध में सुधार की उम्मीद जगी है ।