देश में घुसपैठ और अवैध प्रवास को रोकने वाला इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025, लोकसभा से पारित हो गया है । गुरुवार को सदन ने ध्वनिमत से इसे पास कर दिया । इससे पहले विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि, ऐसे में जो लोग भारत में पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और व्यापार के उद्देश्यों से आते हैं , उन सभी का स्वागत है । लेकिन अगर कोई यहां अशांति फैलाने या देश को किसी अन्य तरह से नुकसान पहुंचाने के उदेश्य से आता है तो उससे सख्ती के साथ निपटा जाएगा ।
गृहमंत्री ने कहा कि यह देश कोई धर्मशाला नहीं है । अब यहां आने वाले सभी विदेशी नागरिकों की जानकारी रखी जाएगी , वे किस रास्ते से आ रहे हैं , कहां रुक रहे हैं और क्या कर रहे हैं । 11 मार्च को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की ओर से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल को लोकसभा में पेश किया था ।
अप्रवासन और विदेशी विधेयक 2025 का मुख्य उदेश्य
गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि, यह कानून भारत को अवैध घुसपैठ, अपराध और सुरक्षा खतरों से बचाने के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था, शिक्षा और वैश्विक पहचान को नई दिशा देगा।
नया कानून राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को प्राथमिकता देते हुए तैयार किया गया है। इस कानून के तहत सरकार को विशेष शक्तियां प्राप्त होंगी, जो विदेशी नागरिकों के प्रवेश और निवास को नियंत्रित करेंगी ।
इससे पासपोर्ट, वीज़ा और विदेशी पंजीकरण जैसे कार्य और सुव्यवस्थित होंगे । अब हर विदेशी नागरिक पर 360 डिग्री स्क्रीनिंग 24 मापदंडों पर की जाएगी, जिससे अवैध प्रवासियों और अपराधियों पर सख्त निगरानी रखी जा सकेगी।
भारत के बाहर किसी भी स्थान से आने वाला कोई भी व्यक्ति भारत में हवाई, जल-थल मार्ग से प्रवेश नहीं करेगा जब तक कि उसके पास वैध पासपोर्ट, अन्य यात्रा दस्तावेज या वैध वीजा न हो।
भारत में उपस्थित किसी भी विदेशी को वैध पासपोर्ट या अन्य वैध यात्रा दस्तावेज और वैध वीजा रखने की भी आवश्यकता होगी, बशर्ते जब तक कि धारा 33 के तहत या अंतर-सरकारी समझौतों के माध्यम से छूट न दी गई हो ।
IVFRT सिस्टम और विदेशियों की पहचान को कानूनी आधार
गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बताया कि इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल 2025 के तहत इमिग्रेशन, वीजा और फॉरेनर्स रजिस्ट्रेशन और ट्रैकिंग (IVFRT) सिस्टम को कानूनी आधार दिया गया है। इसके जरिए अवैध रूप से भारत में घुसने वालों और तय समय से ज्यादा रुकने वालों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी । साथ ही, देशभर में 700 से अधिक जिलों में “फॉरेनर्स आइडेंटिफिकेशन पोर्टल” (DPM) लॉन्च किया गया है, जिससे विदेशी नागरिकों की सटीक जानकारी दर्ज होगी ।
इमिग्रेशन प्रक्रियाओं में सुधार और फास्ट ट्रैक इमिग्रेशन
अमित शाह ने बताया कि पहले इमिग्रेशन चेक में औसतन 4-5 मिनट लगते थे, लेकिन अब यह प्रक्रिया केवल 1-2 मिनट में पूरी हो जाती है । इसके अलावा, आठ प्रमुख एयरपोर्ट्स पर 'फास्ट ट्रैक इमिग्रेशन – ट्रस्टेड ट्रैवलर प्रोग्राम' (FTI-TTP) शुरू किया गया है, जिससे विश्वसनीय यात्रियों की स्क्रीनिंग मात्र 30 सेकंड में हो जाती है।
169 देशों के लिए ऑनलाइन टूरिस्ट वीजा की सुविधा
गृह मंत्री ने सदन को बताया कि भारत में अब 169 देशों के नागरिकों के लिए ऑनलाइन टूरिस्ट वीजा उपलब्ध है । पहले यह सुविधा सिर्फ 10 देशों तक सीमित थी। उन्होने कहा कि,अब भारत में 9 श्रेणियों में ई-वीजा की सुविधा दी गई है, जिनमें ई-टूरिस्ट वीजा, ई-बिजनेस वीजा, ई-मेडिकल वीजा, मेडिकल अटेंडेंट वीजा, ई-आयुष वीजा, ई-कॉन्फ्रेंस वीजा, ई-स्टूडेंट वीजा और ई-स्टूडेंट डिपेंडेंट वीजा शामिल हैं।
कानून तोड़ने पर कठोर सजा का प्रावधान
इमिग्रेशन और फॉरेनर्स एक्ट, 2025 भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को प्राथमिकता देते हुए विदेशी नागरिकों के प्रवेश और निवास को कड़े नियमों के दायरे में लाने का प्रस्ताव करता है । इसका उद्देश्य अवैध इमिग्रेशन को रोकना और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना है ।
नए कानून के माध्यम से, अधिकारियों को अवैध अप्रवासियों को हिरासत में लेने, निर्वासित करने या ब्लैक लिस्ट में डालने का अधिकार दिया गया है ।
नए कानून के तहत अगर किसी व्यक्ति की मौजूदगी देश की सुरक्षा के लिए खतरा बनती है , वह वीजा शर्तों का उल्लंघन करता है या फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत की नागरिकता प्राप्त करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बिल में प्रावधान किया गया है कि यदि कोई विदेशी नागरिक बिना वैध पासपोर्ट या वीजा के भारतीय सीमा में दाखिल होता है तो उसे पांच साल की कैद के साथ पांच लाख रुपए तक का जुर्माना देना पड़ सकता है । फिलहाल, कैद के साथ 50 हजार रुपए तक के जुर्माने का ही प्रावधान है ।
अगर कोई विदेशी नागरिक फर्जी पासपोर्ट या ट्रैवल डॉक्यूमेंट की मदद से भारत में दाखिल होता है तो उसकी सजा कम से कम दो साल और अधिकतम सात साल तक हो जाएगी । इसके साथ ही जुर्माना 1 लाख रुपये से बढ़कर 10 लाख रुपये तक हो सकता है । अभी तक इस अपराध के लिए 8 साल की कैद और 50 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान था ।
नए बिल के तहत यदि कोई विदेशी नागरिक वीजा एक्सपायर होने के बाद भी भारत में अवैध रुप से रहता है तो उसे 3 साल तक की कैद और 3 लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है । अवैध रूप से फिर से प्रवेश करने का प्रयास करने वाले निर्वासितों को 10 साल की कैद होगी और उसपर आजीवन प्रतिबंध लगाया जाएगा ।
नया कानून आने के बाद चार पुराने कानून होंगे खत्म
सरकार ने विदेशियों से जुड़े मामलों से निपटने के लिए चार अधिनियमों को निरस्त करके एक व्यापक कानून लाने के लिए यह विधेयक लेकर आई है । नया कानून आने के साथ ही पासपोर्ट एक्ट 1920, रजिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेनर्स एक्ट 1939, फॉरेनर्स एक्ट 1946 और इमिग्रेशन एक्ट 2000 खत्म हो जाएगा ।
इन चार में से तीन अधिनियम संविधान लागू होने से पहले के समय के हैं । दो अधिनियम तो प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध के असाधारण समय के दौरान लाया गया था । इसलिए इसे बदलना जरूरी है ।
बांग्लादेश के अवैध घुसपैठियों पर भी कसेगा शिकंजा
भारत में बांग्लादेश से होने वाला अवैध घुसपैठ एक बड़ा मुद्दा है । कानून की कमियों का फायदा उठाकर बड़ी संख्या में बांग्लादेशी भारत में घुसपैठ करते हैं और अवैध तरीके से अपना ठिकाना बना लेते हैं । माना जाता है कि इस वक्त भारत में दो करोड़ से ज्यादा बांग्लादेशी अवैध रुप से रह रहे हैं । ये लोग न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था पर बोझ बढ़ाते हैं बल्कि कानून-व्यवस्था के लिए भी समस्या खड़ी करते रहते हैं । नए कानून के अमल में आने के बाद इन लोगों पर भी शिकंजा कसना आसान हो जाएगा ।