एक राष्ट्र एक चुनाव ( वन नेशन वन इलेक्शन ) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को जन-जन तक पहुंचाने की मुहिम जारी है । बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल इस अभियान में जुटे हैं । इसके लिए वह देश के अलग-अलग हिस्सों में समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों, प्रभावशाली लोगों, बुद्धिजीवियों और छात्रों से लगातार संवाद कर रहे हैं ।
इसी श्रृंखला में गुरुवार ( 19 जून ) को सुनील बंसल ने कर्नाटक के कलबुर्गी स्थित श्री सत्य साई यूनिवर्सिटी में वन नेशन वन इलेक्शन विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया ।
कार्यक्रम में स्वामी सदगुरू श्री मधुसूदन साईं , यूनिवर्सिटी के चीफ मेंटर एवं पूर्व चांसलर, नरसिम्हा मूर्ति एवं भाजपा राष्ट्रीय मंत्री अनिल एंटोनी भी उपस्थित रहे ।
'एक राष्ट्र एक चुनाव' देश के तेज विकास का रोडमैप- सुनील बंसल
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल ने अपने संबोधन में 'एक राष्ट्र एक चुनाव' की जरूरत को रेखांकित करते हुए कहा कि यह कोई राजनैतिक एजेंडा नहीं है बल्कि राष्ट्र के विकास का रोडमैप है । उन्होंने कहा कि इससे 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को पूरा करने में मदद मिलेगी ।

परिचर्चा में उपस्थित लोगों का ध्यान लगातार होने वाले चुनावों के कारण पेश आने वाली समस्याओं की ओर दिलाते हुए सुनील बंसल ने कहा कि जल्दी-जल्दी चुनाव होने से विकास कार्यों में रुकावट आती है, प्रशासनिक तंत्र पर दबाव बढ़ता है और जनता पर आर्थिक बोझ पड़ता है ।
उन्होंने कहा कि 'वन नेशन वन इलेक्शन' से चुनावी खर्च में 30 से 35 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है, जिससे सरकार को विकास कार्यों के लिए अधिक संसाधन मिलेंगे । इसके अलावा, चुनावी प्रचार से होने वाले प्रदूषण और प्रशासनिक दबाव में भी कमी आएगी ।
सुनील बंसल ने यह भी कहा कि बार-बार चुनावों से परिवारवाद को बढ़ावा मिलता है, लेकिन 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' से इस पर रोक लगेगी और नए युवा नेताओं को अवसर मिलेगा । इससे राजनीतिक अस्थिरता कम होगी और सुशासन को बढ़ावा मिलेगा ।
पीएम मोदी के विजन को जन-जन तक पहुंचाने की मुहिम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सब से सत्ता संभाली है तब से वो 'एक राष्ट्र एक चुनाव' की बात कर रहे हैं। इसको लेकर देश भर में सहमति बनाने की कोशिशें जारी है। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें मुख्य रूप से पीएम मोदी के इस विजन को जन-जन तक पहुंचाने और उन्हें एक देश एक चुनाव का फायदा समझाने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
सुनील बंसल लगातार देश के अलग-अलग हिस्सों में विभिन्न समूहों और बुद्धिजीवियों के साथ संगोष्ठियां और कार्यक्रम के जरिए इस सार्थक विमर्श को आगे बढ़ा रहे हैं। टीम मोदी के अथक प्रयासों का ही नतीजा है कि आज 'एक राष्ट्र एक चुनाव' सिर्फ बुद्धिजीवियों ही नहीं बल्कि सार्वजनिक संवाद का हिस्सा बन चुका है ।
कुशल संगठनकर्ता ओर दूरदर्शी नेता
बीजेपी में सुनील बंसल को एक कुशल रणनीतिकार और संगठनकर्ता के रुप में जाना जाता है । 2014 में उत्तर प्रदेश में पार्टी का सह प्रभारी बनाए जाने के बाद से वो लगातार बीजेपी के लिए चाणक्य की भूमिका निभाते नजर आए हैं । अमित शाह के साथ मिलकर 2014 से जीत का जो सिलसिला उन्होंने पार्टी के लिए शुरु किया वो उत्तर प्रदेश में 2017, 2019 और 2022 के विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भी दिखा ।
यूपी के बाद उन्होंने अपने संगठन कौशल का दम ओडिसा, तेलंगना और दिल्ली में भी दिखाया । अपनी रणनीति को सफल बनाने के लिए सुनील बंसल न सिर्फ खुद मेहनत करते हैं , बल्कि पार्टी नेताओं से लेकर बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं तक से सीधा संवाद करते हैं । इतना ही नहीं वह पार्टी के उन नेताओं से भी फीड बैक लेते हैं जो पहले चुनाव हार चुके हैं या किसी कारण से राजनैतिक सक्रियता कम कर दी है ।