उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विदेशी आक्रांताओं का महिमंडन और उसके नाम पर सामाजिक माहौल खराब करने वालों को एक बार फिर से सीधी चेतावनी दी है । महाराजा सुहेलदेव और ऋषि बालार्क की धरती से योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आक्रांताओं का महिमामंडन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ।
उन्होने कहा कि ऐसे में देशद्रोही को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे , जो भारत के महापुरुषों को अपमानित करता हो, आक्रांताओं को महिमा मंडन करता हो और बहन-बेटियों की इज्जत पर बुरी नजर रखता हो । योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी ने यदि हमारी आस्था पर प्रहार किया था तो उसे आज का नया भारत स्वीकार नहीं करेगा ।
महाराजा सुहेलदेव और ऋषि बालार्क से बहराइच की पहचान
बहराइच जिले के तहसील मिहींपुरवा (मोतीपुर) के मुख्य भवन के उद्घाटन कार्यक्रम मे शिरकत करने के बाद लोगों की एक सभा को संबोधित कर रहे थे । उन्होने कहा कि बहराइच की पहचान महाराजा सुहेलदेव और ऋषि बालार्क से है ।
उन्होने कहा कि ,आज दुनिया भारत की सनातन संस्कृति का गुणगान कर रही है. हर नागरिक का दायित्व है कि वो भी ऐसा करे । सीएम योगी ने कहा कि किसी आक्रांता का महिमामंडन नहीं करना चाहिए । किसी आक्रांता के महिमंडन का मतलब है देशद्रोह की नींव को पुख्ता करना । नया भारत किसी देशद्रोही को स्वीकार नहीं कर सकता है ।
योगी आदित्यनाथ ने नाम लिए बिना कहा कि महाराजा सुहेलदेव ने इसी बहराइच में निदेशी आक्रांता को धूल-धूसरित कर भारत की विजय पताका को फहराया था । उन्होने कहा कि महाराजा सुहेलदेव के पराक्रम की वजह से ही अगले 150 वर्षों तक कोई भी विदेशी आक्रांता भारत पर हमला करने का दुस्साहस नहीं कर पाया ।
योगी आदित्यनाथ का इशारा सैयद सालार मसूद गाजी की ओर था जिसके नाम पर संभल में लगने वाले मेले पर प्रशासन ने इस बार रोक लगा दी है ।
कौन था सैयद सालार मसूद गाजी ?
सैयद सालार मसूद गाजी कुख्यात लुटेरा और आक्रांता महमूद गजनवी का भांजा और सेनापति था । अपने मामा की तरह ही सालाज गाजी भी बेहद क्रूर और बर्बर था ।
उसने भी उसी बर्रबरता से हिंदुओं का कत्लेआम किया । परन्तु 1034 ई. में महाराजा सुहेलदेव ने युद्ध में उसे मार गिराया । इसके बाद उसे बहराइच में ही दफना दिया गया ।
इस घटना के दौ सौ वर्षों से भी ज्यादा समय के बाद में सुनियोजित तरीके से उसकी मजार बनाई गई और आगे चवकर उसे दरगाह में बदलकर हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक बताया जाने लगा । इस दरगाह पर हर साल मई-जून में जेठ मेला लगता है । योगी आदित्यनाथ के बयान के बाद कई लोगों का मानना है कि इस मेले को लेकर भी प्रशासन कोई सख्त फैसला ले सकता है ।
नागरिकों को न्याय दिलाने के लिए तहसील भवन जरूरी
मिहींपुरवा (मोतीपुर) तहसील के मुख्य भवन के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आम लोगों का सबसे ज्यादा काम एक तहसील से पड़ता है । चाहे भूमि संबंधी रिकॉर्ड हों, उसके पैमाइश की कार्रवाई हो या फिर लैंड यूज से जुड़ा कोई मामला हो, सभी का निस्तारण तहसील में होता है । ऐसे में जब तहसील का अपना भवन ही नहीं होगा, तो आम नागरिक को क्या न्याय मिल पाएगा?
सीएम योगी ने कहा कि ,सरकार हर गांव और उसमें रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को डिजिटल भारत से जोड़ने की योजना पर काम कर रही है । उन्होने कहा कि हम गांव-गांव ऑप्टिकल फाइबर और बैंक की सुविधा देंगे। इसपर काम हो रहा है। ऑप्टिकल फाइबर के साथ ऐसी तकनीक शुरू कर रहे हैं, जिसके तहत सेटेलाइट से राजस्व की निगरानी की जाएगी ताकि कोई भी भूमाफिया किसी गरीब किसान या ग्रामीण का हक न मार सके।
पिछली सरकारों पर हमला बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तब भ्रष्टाचार का बोलबाला था। राजस्व के मामले कई-कई सालों तक लंबित रहते थे। पीड़ित किसानों और ग्रामीणों की अधिकारियों के चक्कर काट-काटकर तलवे घिस जाते थे। गरीब की आवाज दबाई जाती थी। पर हमने समय सीमा तय कर दी है । यदि किसी अधिकारी ने कोताही बरती और लोगों को परेशानी हुई तो सख्त कार्रवाई होगी । सीएम योगी ने सरकार द्वारा किए जा रहे अन्य कार्यों और योजनाओं की बी जानकारी दी ।
महाकुंभ और प्रधानमंत्री के बयान का भी किया जिक्र
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ का जिक्र करते हुए कहा कि , मानवता का इतना बड़ा आयोजन दुनियां में आज तक कभी नहीं हुआ है जहां 66 करोड़ से भी ज्यादा सनातनियों ने संगम में स्नान किया । उन्होने कहा कि पूरा विश्व यूपी के महाकुंभ और भारत के सनातन का गुणगान कर रहा है। सीएम योगी ने दो दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद में दिए बयान का भी उल्लेख किया जिसमें उन्होने आयोजन को लेकर उत्तर प्रदेश की तारीफ की थी।