देश में टैक्स प्रणाली को और आसान बनाने के लिए जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के ढ़ाचे में बड़ा बदलाव होने जा रहा है । इसके लिए गठित मंत्रिसमूह (जीओएम) की हुई बैठक में केंद्र सरकार के 5 व 18 प्रतिशत के दो स्लैब वाले जीएसटी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई । 5% और 18% के दो टैक्स स्लैब को मंजूरी देने का मतलब है कि 12% और 28% वाले स्लैब खत्म करने की योजना पर भी सहमति । बता दें कि अभी जो जीएसटी का स्ट्रक्चर है उसमें 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार दरें हैं ।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में छह सदस्यीय मंत्रीसमूह की बैठक में लग्जरी उत्पादों पर टैक्स बढ़ाकर 40% करने की सिफारिश भी की गई है । सम्राट चौधरी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि सभी राज्यों ने केंद्र सरकार के प्रस्तावों पर अपने सुझाव दिए हैं । हालांकि कुछ राज्यों ने इस पर आपत्तियां भी जताई हैं, जिन्हें अब जीएसटी काउंसिल के पास भेजा गया है जो अंतिम फैसला लेगी ।
मंत्री समूह में उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह, पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य, कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा और केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल शामिल हैं । बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को इसका संयोजक बनाया गया है । मंत्री समूह ने व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी छूट देने के केंद्र के प्रस्ताव की भी समीक्षा की । ज्यादातर राज्यों ने इस योजना का सपोर्ट किया है, लेकिन यह भी कहा है कि इसका लाभ सीधे पॉलिसी होल्डर्स को मिलना चाहिए ।
पीएम मोदी ने की थी घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से अपने संबोधन में कहा था कि इस साल दिवाली तक देश को बड़ा तोहफा मिलेगा । उन्होंने कहा था कि सरकार 'नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स' लाने जा रही है। इसका मकसद आम जनता के लिए टैक्स कम करना और रोजमर्रा की चीजों को सस्ता बनाना है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा था कि जीएसटी में इस बदलाव से मध्यवर्ग, किसानों और एमएसएमई को काफी फायदा मिलेगा और लोगों को एक सरल, पारदर्शी टैक्स स्ट्रक्चर मिलेगा । इससे नियम पालने करने वालों की संख्या बढ़ेगी.
रोजाना इस्तेमाल में आने वाली ज्यादातर चीजें होंगी सस्ती ?
सरकार के इस फैसले से कई जरूरी सामानों पर टैक्स घटेगा । अभी तक जिन वस्तुओं पर 12% टैक्स लगता था, उन पर अब 5% टैक्स लग सकता है । इसमें सूखे मेवे, ब्रांडेड नमकीन, टूथपेस्ट, साबुन, हेयर ऑयल, सामान्य एंटीबायोटिक्स और पेनकिलर जैसी रोजमर्रा की चीजें शामिल हैं । इसके अलावा प्रोसेस्ड फूड, फ्रोजन सब्जियां, कंडेंस्ड मिल्क, कुछ मोबाइल फोन और कंप्यूटर भी सस्ते होंगे। सिलाई मशीन, प्रेशर कुकर, गीजर, रेडीमेड कपड़े, कुछ रेंज के जूते, बर्तन, साइकिल और घरेलू उपयोग की मशीनें भी अब कम टैक्स दायरे में आने से सस्ती होंगी ।
इसी तरह जिन वस्तुओं पर अब तक 28% टैक्स लगता था वह घटकर 18% पर आ जाएगा । इसमें सीमेंट, ब्यूटी प्रोडक्ट्स, रेडी मिक्स कंक्रीट, चॉकलेट, टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एसी, डिशवॉशर, प्रिंटर, रेजर, टेम्पर्ड ग्लास, प्लास्टिक और रबर उत्पाद जैसे कई वस्तुएं शामिल हैं । जीएसटी काउंसिल द्वारा अपनी आगामी बैठक में अंतिम मंजूरी के लिए मंत्री समूह की इन सिफारिशों पर विचार किए जाने की उम्मीद है ।
GoM की क्या है भूमिका ?
GST से जुड़े जटिल मुद्दों को सुलझाने के लिए अलग-अलग राज्यों के वरिष्ठ मंत्रियों की एक समिति बनाई जाती है जिसे GoM (ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स) कहा जाता है। यह समिति टैक्स दरों, राजस्व विश्लेषण और नीतिगत सुझावों पर चर्चा कर सिफारिशें तैयार करती है। अब इस समिति की सिफारिशें जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में रखी जाएंगी। जीएसटी काउंसिल में केंद्र और सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधि होते हैं, । इसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री करती हैं। अगर काउंसिल 75% बहुमत से इन प्रस्तावों को मंजूरी दे देती है, तो इसे फाइनल माना जाएगा ।