चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात

Authored By: News Corridors Desk | 19 Aug 2025, 08:40 PM
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चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की । मंगलवार को प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास 7, लोक कल्याण मार्ग में हुई इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है दोनों देशों के बीच पिछले कुछ वर्षों से सीमा विवाद और अन्य मुद्दों को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है । 

माना जाता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ नीति के बाद तेजी से बदलते क्षेत्रीय और वैश्विक परिस्थितियों में दोनों देश आपसी संबध को बेहतर करना चाहते हैं । पहले भारत के विदेश मंत्री का चीन दौरा अब चीन के विदेश मंत्री का भारत दौरा इसी कोशिश का हिस्सा है । 

मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात से पहले वांग यी और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की बैठक हुई । इससे पहले सोमवार को चीनी विदेश मंत्री की भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ उच्च स्तरीय वार्ता हुई थी ।

वांग यी और डोभाल के बीच सीमा विवाद पर चर्चा

वांग यी और अजीत डोभाल के बीच सीमा विवाद को लेकर 24वीं विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता हुई  । इस बैठक में भारत-चीन सीमा की स्थिति और आपसी संबंधों पर गहराई से विचार किया गया । चीनी विदेश मंत्रालय के मुताबिक, वांग यी ने कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच सूसी शहर कजान की बैठक में जो सहमति बनी थी, उसने दोनों देशों के लिए आगे की दिशा तय कर दी है। उनका मानना है कि भारत और चीन के रिश्ते अब सही रास्ते पर हैं और सीमा की स्थिति भी धीरे-धीरे स्थिर हो रही है जो दोनों देशों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

साझा चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग जरूरी: डोभाल

एनएसए अजीत डोभाल ने बैठक में कहा कि सीमा क्षेत्र में शांति बने रहने से दोनों देशों को आपसी विश्वास बढ़ाने और रिश्तों में सुधार लाने का मौका मिला है। डोभाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि मौजूदा वैश्विक हालात में भारत और चीन को आर्थिक अस्थिरता, सुरक्षा और पर्यावरण जैसे कई मसलों पर साझा चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है । ऐसे में आपसी सहयोग और संवाद को मजबूत करना दोनों देशों के हित में है। 

सीमा पर शांति बेहद जरूरी- एस. जयशंकर 

सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ भी चीनी विदेश मंत्री वांग यी की उच्च स्तरीय बार्ता हुई थी । इसमें एस जयशंकर ने कहा कि दोनों देश आगे बढ़ना चाहते हैं । उन्होंने सीमा पर शांति बनाए रखने सैन्य ढांचे को हटाने की प्रक्रिया को पूरा करने पर जोर दिया ।

वहीं चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों को एक-दूसरे को प्रतिद्वंद्वी के रूप में नहीं बल्कि साझेदार के रूप में देखना चाहिए । चीनी विदेश मंत्री ने एस जयशंकर से कहा कि इस वर्ष चीन और भारत के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के 75 साल पूरे हुए हैं और अतीत से सबक सीखा जा सकता है । 

सीमा विवाद सुलझाने के लिए वार्ता जारी रखने पर सहमति

चीन और भारत ने इस बात पर सहमति जताई है कि सीमा विवाद को बातचीत और आपसी समझदारी से सुलझाया जाएगा । दोनों पक्षों ने 2005 में तय किए गए राजनीतिक मार्गदर्शक सिद्धांतों का पालन करने की प्रतिबद्धता दोहराई। बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए अगले साल चीन में 25वीं विशेष प्रतिनिधि स्तर की बैठक आयोजित की जाएगी। 

चीन के विदेश मंत्री का भारत दौरा ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है । वहीं चीन से होने वाले आयात पर 30 प्रतिशत टैरिफ लगाया है । हालांकि माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के बाद उभरे वैश्विक दबाव और आर्थिक चुनौतियों ने अनजाने में भारत और चीन के बीच संवाद का एक नया रास्ता खोल दिया है।

उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन में होने वाली आगामी शंघाई सहयोग संगठन ( SEO) भाग लेने जाएंगे जहां राष्ट्रपति शी जिनपिंग से उनकी मुलाकात होगी । इससे द्विपक्षीय संबंधों में नई ऊर्जा आ सकती है ।