यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की का बड़ा दावा, 'बहुत जल्द मरने वाले हैं पुतिन'

Authored By: News Corridors Desk | 27 Mar 2025, 10:50 AM
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रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को तीन साल से ज्यादा हो चुके हैं। इस संघर्ष के बीच अब एक चौंकाने वाला बयान आया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने दावा किया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन 'बहुत जल्द मरने वाले हैं'। यह बयान उन्होंने पेरिस में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात के बाद एक इंटरव्यू के दौरान दिया।

क्या वाकई बीमार हैं व्लादिमिर पुतिन?

पिछले कुछ सालों में पुतिन की सेहत को लेकर कई अटकलें लगाई गई हैं।

ब्रिटिश टैब्लॉइड द सन की रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन का चेहरा अकसर फूला हुआ दिखाई देता है।

कई सार्वजनिक बैठकों में उन्हें कुर्सी पकड़कर बैठे देखा गया है।

उनके हाथ-पैरों में अनियंत्रित हरकतें और शरीर में कंपन भी नजर आया है।

कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि उन्हें कैंसर और पार्किंसन जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।

2022 में एक मीटिंग के दौरान उनका झुका हुआ बैठना, टेबल को पकड़ना और लड़खड़ाती आवाज इस ओर इशारा करती है कि उनकी सेहत वाकई ठीक नहीं है।

राजनीतिक संकेत या मनोवैज्ञानिक वार?

जेलेंस्की का यह बयान केवल स्वास्थ्य संबंधी टिप्पणी नहीं है, बल्कि इसे एक राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक हमला भी माना जा रहा है। यह बयान रूस पर दबाव बनाने और सत्ता के अंदरूनी ढांचे को हिलाने के लिए एक रणनीतिक चाल हो सकता है।

रूस पर बढ़ता अंतरराष्ट्रीय दबाव

यूक्रेन के समर्थन में फ्रांस भी खुलकर सामने आ गया है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रूस के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि:

रूस को बिना किसी शर्त के 30 दिनों के युद्धविराम को स्वीकार करना चाहिए।

यूक्रेन के लिए 2.2 बिलियन डॉलर (करीब 2 अरब यूरो) की नई सैन्य मदद की घोषणा की गई है।

क्या पुतिन का अंत नज़दीक है?

पुतिन की बीमारी या उनके जीवन को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन जेलेंस्की का बयान यह संकेत देता है कि यूक्रेन अब रूस को सैन्य और नेतृत्व दोनों स्तरों पर कमजोर मान रहा है। यह बयान रूस पर मानसिक और राजनीतिक दबाव बढ़ाने की यूक्रेन की एक स्पष्ट रणनीति है। अब देखना होगा कि इस बयान का आगे क्या असर होता है और रूस की ओर से कोई जवाबी प्रतिक्रिया आती है या नहीं।

यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध सिर्फ सैन्य नहीं, बल्कि राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक मोर्चे पर भी लड़ा जा रहा है। जेलेंस्की का बयान भले ही विवादित हो, लेकिन यह रूस के भीतर अनिश्चितता पैदा करने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। अब सवाल यह है कि क्या पुतिन की सेहत वाकई खराब है या यह सिर्फ एक रणनीतिक दांव? दुनिया की नजरें अब रूस की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।