Kumaun Univ Convocation: राष्ट्रपति ने कहा, शिक्षा आत्मनिर्भर और विनम्र बनाती है

Authored By: News Corridors Desk | 05 Nov 2025, 12:39 PM
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नैनीताल। शिक्षा को राष्ट्र के विकास की नींव बताते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि यह न केवल आत्मनिर्भर बनाती है, बल्कि विनम्र रहना और समाज व देश के विकास में योगदान देना भी सिखाती है। 


राष्ट्रपति ने मंगलवार को उत्तराखंड के नैनीताल स्थित कुमाऊं विश्वविद्यालय के 20वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए छात्रों से आग्रह किया कि वे अपनी शिक्षा वंचितों की सेवा और राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित करें। उन्होंने कहा कि यही सच्चा धर्म है, जो उन्हें खुशी और संतोष देगा।


राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। सरकार निरंतर प्रगति सुनिश्चित करने के लिए कई नीतिगत पहल कर रही है। ये पहलें युवाओं के लिए अनगिनत अवसर पैदा कर रही हैं। उच्च शिक्षा संस्थानों को युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए, ताकि वे इन अवसरों का लाभ उठा सकें।
श्रीमती मुर्मु ने कहा कि हिमालय अपने जीवनदायिनी संसाधनों के लिए जाना जाता है। इन संसाधनों के संरक्षण और संवर्धन की ज़िम्मेदारी सभी की है। उन्होंने इस बारत पर प्रसन्नता व्यक्त की कि कुमाऊँ विश्वविद्यालय पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सजग प्रयास कर रहा है।


राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है। कुमाऊं विश्वविद्यालय के छात्रों जैसे युवाओं की इस लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका है। 
इससे पहले, राष्ट्रपति ने नैनीताल स्थित नैना देवी मंदिर में पूजा-अर्चना की और श्री नीम करोली बाबा आश्रम, कैंची धाम में भी दर्शन किये।